पालीगंज में बालू लदे हाइवा ने बुजुर्ग को कुचला, मौके पर दर्दनाक मौत, चालक ट्रक लेकर फरार

पटना। जिले के पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र में एक बेहद दर्दनाक सड़क हादसे में बुजुर्ग शिवधारी पासवान की जान चली गई। यह हादसा रानीतालाब थाना क्षेत्र के अंतर्गत एनएच-139 पर स्थित काब गांव के पास हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बालू से लदे एक हाइवा ट्रक ने शिवधारी पासवान को उस समय कुचल दिया जब वे सुबह की सैर के बाद चाय पीकर घर लौट रहे थे। शिवधारी पासवान काब गांव के धाना टोला के निवासी थे। उनकी उम्र लगभग साठ वर्ष के आसपास थी और वे किसान व मजदूरी का कार्य कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। रोज की तरह वे सुबह बाजार चाय पीने और टहलने निकले थे, लेकिन इस दिन उनके जीवन की अंतिम सुबह साबित हुई।
तेज रफ्तार का कहर और लापरवाह ट्रक चालक
स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव के पास से बालू लदे ट्रक अत्यधिक तेज गति से गुजरते हैं। इन वाहनों की गति और लापरवाही के चलते आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। जिस हाइवा ट्रक ने शिवधारी पासवान को कुचला, वह भी घटना के बाद तेज गति से फरार हो गया और महबलीपुर की ओर भाग निकला।
पुलिस को दी गई सूचना और कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने रानीतालाब थाना को सूचित किया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हालांकि, मृतक के परिजन बेहद आक्रोशित हो गए और शव को सड़क पर रखकर जाम कर दिया। काफी देर तक यातायात प्रभावित रहा, लेकिन बाद में पुलिस के समझाने-बुझाने के बाद जाम हटाया गया और स्थिति सामान्य हुई।
गांव वालों की शिकायतें और प्रशासन की उदासीनता
स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन ट्रकों की तेज गति और अनियंत्रित आवाजाही पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। गांव के समीप से रोजाना सैकड़ों बालू लदे भारी वाहन गुजरते हैं, जिनकी वजह से गांव में लगातार खतरा बना रहता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस रूट पर स्पीड ब्रेकर लगाया जाए और ट्रकों की रफ्तार पर नियंत्रण के लिए पुलिस गश्ती बढ़ाई जाए।
थानाध्यक्ष का बयान और अगली कार्रवाई
रानीतालाब थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि दुर्घटना के बाद फरार ट्रक और चालक की पहचान के लिए इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है। पुलिस ने मृतक के परिजनों को शांत करते हुए उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और यातायात व्यवस्था को पुनः सामान्य कर दिया गया है। पालीगंज की यह घटना न केवल एक व्यक्ति की जान जाने की त्रासदी है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही की एक और मिसाल भी है। जब तक भारी वाहनों के संचालन पर सख्त नियंत्रण नहीं लगाया जाएगा, तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी। गांव के लोग अब सरकार और प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे और दोषी चालक को शीघ्र गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाएगी।
