आरजेडी एमएलसी ने लालू को बताया कलयुग का भगवान, बोली- महादेव के बाद लालू, उनका स्थान कोई नहीं ले सकता

पटना। राजनीतिक बयानबाजी के दौर में एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की नेता और विधान परिषद सदस्य उर्मिला ठाकुर ने एक बड़ा और चर्चित बयान दिया है। उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की तुलना भगवान शंकर से करते हुए उन्हें ‘कलयुग का भगवान’ बताया है। यह बयान उन्होंने मुजफ्फरपुर में आयोजित एक समारोह के दौरान दिया, जहां डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया गया।
महादेव के बाद लालू को बताया ईश्वर तुल्य
उर्मिला ठाकुर ने अपने भाषण में कहा कि इस कलियुग में अगर कोई भगवान के समान है तो वह बाबा साहब अंबेडकर हैं, जिन्होंने संविधान बनाकर समाज के पिछड़े वर्गों को अधिकार दिए और उनके जीवन में बदलाव लाया। इसके बाद उन्होंने कहा कि अंबेडकर के विचारों और योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम लालू यादव ने किया है। उन्होंने दावा किया कि भगवान शंकर के बाद यदि कोई समाज के लिए मसीहा बनकर आया है तो वह लालू यादव हैं।
लालू यादव का स्थान कोई नहीं ले सकता
एमएलसी ने आगे कहा कि राजनीति में चाहे मुख्यमंत्री हो, सांसद हो या प्रधानमंत्री, हर किसी का स्थान कोई ना कोई ले लेता है, लेकिन लालू प्रसाद यादव जैसा नेता कोई दूसरा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि आज तक लालू यादव की जगह लेने में कोई सफल नहीं हुआ है, क्योंकि वे समाज के सबसे निचले वर्ग के लोगों की आवाज बने हैं। उनके अनुसार, लालू यादव ने दलितों, पिछड़ों और वंचितों को मंच दिया, जिससे वे राजनीतिक रूप से जागरूक हो सके।
व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किया
उर्मिला ठाकुर ने अपनी निजी कहानी बताते हुए भावुक अंदाज में कहा कि उनके पिता पहले 5 किलो अनाज के बदले दाढ़ी बनाने का काम करते थे। उस परिवार की बेटी को आज एमएलसी बनने का सौभाग्य मिला है, तो उसका श्रेय लालू यादव को जाता है। उन्होंने कहा कि यही वह समाजवादी सोच है, जिसमें एक गरीब की बेटी को भी सम्मान और अवसर मिल सकता है।
तेजस्वी यादव की भी तारीफ
एमएलसी उर्मिला ठाकुर ने लालू यादव के पुत्र और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की भी जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि तेजस्वी जो कहते हैं, उसे निभाते भी हैं। वह अपने पिता के समाजवादी सिद्धांतों पर चलकर बिहार के युवाओं और वंचित वर्गों के लिए बेहतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने तेजस्वी को भविष्य का नेता बताया, जो समाज में बदलाव की लहर ला सकता है।
राजनीतिक हलकों में हलचल
एमएलसी के इस बयान को लेकर बिहार की राजनीति में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। जहां राजद समर्थकों ने इसे श्रद्धा और आस्था से जोड़ा है, वहीं विपक्षी दलों ने इस बयान को अतिशयोक्ति और चुनावी माहौल बनाने की कोशिश करार दिया है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए सामाजिक और भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाने का प्रयास है। राजद एमएलसी उर्मिला ठाकुर का यह बयान एक बार फिर साबित करता है कि बिहार की राजनीति में भावनात्मक और प्रतीकात्मक भाषा का कितना महत्व है। लालू यादव के प्रति उनके समर्थकों की आस्था किसी धर्म जैसी दिखाई देती है। यह बयान सिर्फ एक राजनीतिक समर्थन नहीं, बल्कि एक विचारधारा की घोषणा है, जो सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण की नींव पर आधारित है। आगामी विधानसभा चुनावों में ऐसे बयानों का प्रभाव राजनीतिक समीकरणों पर जरूर पड़ेगा।
