शाहाबाद की सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे चिराग पासवान, अरुण भारती बोले- राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में होगा फैसला

पटना। बिहार की राजनीति में विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी सरगर्मी लगातार बढ़ रही है। इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को लेकर नई राजनीतिक चर्चा शुरू हो गई है। हाल ही में नालंदा में हुई एक रैली में उन्होंने यह कहकर सबको चौंका दिया था कि वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। लेकिन अब पार्टी के भीतर से ही इसके उलट संकेत मिल रहे हैं।
अरुण भारती के बयान से बदला सियासी रुख
चिराग पासवान के जीजा और जमुई से सांसद अरुण भारती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट कर यह संकेत दिया है कि चिराग विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने यह भी लिखा है कि चिराग शाहाबाद क्षेत्र से मैदान में उतर सकते हैं। उन्होंने बताया कि पार्टी के भीतर जल्द ही राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक होगी, जिसमें इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
सर्वे से तय होगी सीट
अरुण भारती के मुताबिक, पार्टी ने बीते कुछ हफ्तों से राज्य की कई विधानसभा सीटों पर आंतरिक सर्वे कराया है। इसका मकसद यह जानना है कि किन क्षेत्रों में चिराग पासवान की लोकप्रियता अधिक है और वहां से चुनाव लड़ने पर उन्हें जीत की बेहतर संभावना हो सकती है। पार्टी के सर्वे में यह सामने आया है कि शाहाबाद अंचल से लड़ना चिराग के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसलिए इस क्षेत्र को प्राथमिकता दी जा रही है।
नीतीश और मांझी पर किया तीखा प्रहार
अपने पोस्ट में अरुण भारती ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर भी निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि चिराग पासवान के पास ‘बहुमत साबित करने से पहले इस्तीफा देने’ जैसा अनुभव नहीं है। यह टिप्पणी उन्होंने वर्ष 2000 और 2015 की राजनीतिक घटनाओं के संदर्भ में की, जब नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी दोनों को बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
एनडीए में बढ़ता तनाव
चुनाव से पहले एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के भीतर मतभेद भी खुलकर सामने आने लगे हैं। एक तरफ चिराग पासवान बिहार सरकार की कार्यशैली और अपने ही सहयोगियों पर सवाल उठा रहे हैं। दूसरी तरफ हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने चिराग को ‘नासमझ’ कहकर सियासी माहौल को और गरमा दिया है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि एनडीए में फिलहाल अंदरूनी खींचतान चल रही है।
कांग्रेस ने ली चुटकी
इन राजनीतिक उठापटक के बीच कांग्रेस ने भी मौके को भुनाने में देर नहीं की। पार्टी ने एनडीए पर हमला बोलते हुए कहा कि गठबंधन बिखर रहा है और ‘इंडिया’ गठबंधन मजबूत हो रहा है। कांग्रेस का यह बयान इस ओर इशारा करता है कि विपक्ष इन आंतरिक कलहों को आगामी चुनाव में मुद्दा बनाने की तैयारी में है।
क्या होगा चिराग का अगला कदम
चिराग पासवान के चुनाव लड़ने को लेकर अंतिम फैसला अभी सामने नहीं आया है, लेकिन पार्टी के भीतर जिस तरह से बयानबाजी शुरू हुई है, उससे यह तय है कि वह इस बार कोई बड़ी राजनीतिक भूमिका निभाने की तैयारी में हैं। उनकी लोकप्रियता, खासकर युवाओं और पासवान समुदाय में अच्छी मानी जाती है। यदि वे शाहाबाद से चुनाव लड़ते हैं तो मुकाबला दिलचस्प हो सकता है। बिहार की राजनीति में चिराग पासवान का विधानसभा चुनाव लड़ना एक बड़ा घटनाक्रम साबित हो सकता है। उनके चुनाव मैदान में उतरने से न केवल एनडीए के भीतर समीकरण बदल सकते हैं, बल्कि अन्य दलों की रणनीति पर भी असर पड़ सकता है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के बाद यह स्पष्ट होगा कि चिराग वास्तव में चुनाव लड़ेंगे या नहीं, लेकिन फिलहाल इस मुद्दे ने बिहार की राजनीति को एक नई दिशा दे दी है।

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