तेलंगाना में केमिकल फैक्ट्री में रिएक्टर में जोरदार धमाका, 6 मजदूरों की मौत, 20 से अधिक घायल

संगारेड्डी। तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के पशमिलाराम औद्योगिक क्षेत्र में शनिवार को एक बड़ा हादसा हो गया। यहां स्थित सिगाची केमिकल इंडस्ट्री में रिएक्टर फटने से जोरदार धमाका हुआ, जिसमें 6 मजदूरों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। इस भयावह घटना ने न केवल कई परिवारों की जिंदगी बदल दी, बल्कि फैक्ट्रियों में सुरक्षा मानकों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
धमाके की भयावहता और फैक्ट्री की तबाही
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रिएक्टर में हुए धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। विस्फोट इतना जोरदार था कि फैक्ट्री की बिल्डिंग का उत्पादन विभाग पूरी तरह से ढह गया और एक अन्य इमारत भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। कई कर्मचारी तो धमाके की ताकत से उड़कर 100 मीटर दूर जाकर गिरे। आसपास अफरातफरी मच गई और इलाके में धुएं का गुबार फैल गया।
मृतकों और घायलों की स्थिति
अब तक इस हादसे में छह मजदूरों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से पांच ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया, जबकि एक घायल की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को तत्काल निकटवर्ती सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
दमकल विभाग का रेस्क्यू ऑपरेशन
धमाके के तुरंत बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और 11 दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। आग बुझाने और राहत कार्य तेजी से शुरू कर दिए गए। रिएक्टर विस्फोट के बाद आग फैल गई थी, जिसे काबू में लाने में दमकलकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। मलबे में लोगों के फंसे होने की आशंका को देखते हुए खोज और बचाव कार्य जारी है।
प्रशासन की कार्रवाई और जांच के आदेश
संगारेड्डी की जिला कलेक्टर प्रवीण्या और एसपी परितोष ने तुरंत घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने राहत कार्यों की निगरानी करते हुए सभी बचाव दलों को आवश्यक निर्देश दिए। कलेक्टर ने यह भी कहा कि घटना की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच समिति का गठन किया जाएगा, जो यह पता लगाएगी कि रिएक्टर विस्फोट की असली वजह क्या थी।
सुरक्षा मानकों पर सवाल
इस दुर्घटना ने औद्योगिक इकाइयों में लागू सुरक्षा प्रोटोकॉल की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार फैक्ट्री में सुरक्षा के नियमों को गंभीरता से नहीं लिया गया था और पूर्व में भी इस पर सवाल उठते रहे थे। कर्मचारियों के मुताबिक रिएक्टर में पहले से ही तकनीकी खामी थी, जिसे नजरअंदाज किया गया।
लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
प्रशासन ने यह साफ कर दिया है कि यदि जांच में लापरवाही सामने आती है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हादसे की भयावहता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा में छोटी सी चूक भी कितनी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है। यह घटना न केवल मजदूरों की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा करती है, बल्कि फैक्ट्रियों में निगरानी व्यवस्था की भी पोल खोलती है। तेलंगाना की इस घटना ने औद्योगिक सुरक्षा की असल तस्वीर सामने रख दी है। रिएक्टर विस्फोट जैसी दुर्घटनाएं केवल तकनीकी खामी नहीं होतीं, बल्कि यह उस लापरवाही का नतीजा होती हैं जो अक्सर बड़े हादसों को जन्म देती है। अब यह ज़रूरी हो गया है कि प्रशासन केवल जांच कर कागजी कार्रवाई पर न रुके, बल्कि ऐसे कारखानों में कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू कर उन्हें नियमित रूप से जांचे ताकि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों।
