पटना की नाबालिक लड़की को प्रेमी ने बेगूसराय में बेचा, पुलिस ने रेड लाइट एरिया से बचाया

पटना। बिहार के बेगूसराय जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक नाबालिग लड़की को प्रेम के बहाने बहलाकर देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया गया। यह घटना न केवल अपराध की बढ़ती बारीकियों को उजागर करती है, बल्कि समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है।
प्रेम के झांसे में फंसी नाबालिग
मामला तब शुरू हुआ जब पटना की एक नाबालिग लड़की की दोस्ती एक युवक से हुई। धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और युवक ने शादी का झांसा देकर लड़की को घर से भगा लिया। लड़की ने उसके साथ मंदिर में शादी भी कर ली, लेकिन शादी के कुछ दिनों बाद ही युवक ने उसे बेगूसराय के बखरी थाना क्षेत्र के मीरकलापुर गांव में एक घर में छोड़ दिया। यह घर कोई सामान्य आवास नहीं, बल्कि देह व्यापार का अड्डा था, जहां लड़की को जबरन धकेल दिया गया।
पुलिस की कार्रवाई और बचाव
लड़की के शोषण की सूचना मिलते ही बेगूसराय पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। महिला थाना प्रभारी और बखरी डीएसपी की टीम ने मीरकलापुर गांव में छापा मारकर लड़की को बरामद किया। इस दौरान एक महिला, जागो देवी, को भी गिरफ्तार किया गया, जो इस अवैध धंधे की मुख्य आरोपी है। पुलिस ने मोबाइल फोन, ग्राहकों की सूची और अन्य दस्तावेज भी जब्त किए, जो इस नेटवर्क की गहराई को दर्शाते हैं।
लड़की का हृदयविदारक बयान
पुलिस पूछताछ में नाबालिग लड़की ने बताया कि युवक ने शादी के बाद उसे धोखे से उस घर में छोड़ दिया, जहां उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। उसे जबरन देह व्यापार में ढकेल दिया गया और किसी भी तरह की मदद के लिए वह बेबस थी। उसने यह भी बताया कि युवक और जागो देवी ने मिलकर उसका शोषण किया।
कानूनी कार्रवाई और पुलिस की प्रतिबद्धता
इस मामले में पुलिस ने अनैतिक देह व्यापार अधिनियम और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने स्पष्ट किया कि वे इस नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है, जहां युवाओं को प्रेम के नाम पर ठगा जा रहा है।
सामाजिक सुरक्षा और जागरूकता की आवश्यकता
यह घटना समाज के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। नाबालिगों को ऐसे झांसे में फंसाना और उनका शोषण करना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि मानवता के खिलाफ भी है। ऐसे मामलों को रोकने के लिए युवाओं को जागरूक करना और उन्हें सही गलत की समझ देना बेहद जरूरी है। साथ ही, अभिभावकों को भी अपने बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करनी चाहिए ताकि वे किसी भी गलत रास्ते में न फंसें। बेगूसराय की यह घटना एक काले धंधे की ओर इशारा करती है, जहां मासूमों को धोखे से फंसाकर उनका शोषण किया जाता है। पुलिस की कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन समाज को भी ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठानी होगी। युवाओं को सच्चे और झूठे प्यार में फर्क समझाना होगा, तभी ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।

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