पूर्णिया में सैनिक स्कूल की स्थापना के लिए राजनाथ सिंह से मिले पप्पू यादव, कई योजनाओं को लेकर की मुलाकात
नई दिल्ली। पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने हाल ही में दिल्ली में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर सीमांचल क्षेत्र की सामरिक और शैक्षणिक जरूरतों को लेकर कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे। इस बैठक को पूर्णिया और आसपास के क्षेत्रों के विकास तथा राष्ट्र सुरक्षा से जुड़ी जरूरतों के दृष्टिकोण से काफी अहम माना जा रहा है।
पूर्णिया में सैनिक स्कूल की मांग
सांसद पप्पू यादव ने रक्षा मंत्री के समक्ष पूर्णिया में सैनिक स्कूल की स्थापना की मांग प्रमुखता से उठाई। उन्होंने कहा कि सीमांचल का यह क्षेत्र सामरिक रूप से अत्यंत संवेदनशील है और नेपाल सीमा से सटा हुआ है। यहां के युवाओं में सेना में भर्ती होकर देश सेवा का उत्साह है, लेकिन उन्हें उचित पूर्व प्रशिक्षण और आधारभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। सैनिक स्कूल की स्थापना से युवाओं को प्रारंभिक स्तर से ही सैन्य अनुशासन और राष्ट्रीय सेवा की शिक्षा मिल सकेगी।
सेना भर्ती पूर्व प्रशिक्षण केंद्र की आवश्यकता
उन्होंने यह भी मांग की कि पूर्णिया में सेना भर्ती के पूर्व प्रशिक्षण हेतु एक विशेष केंद्र की स्थापना की जाए। इसके माध्यम से न केवल बिहार बल्कि सीमावर्ती राज्यों जैसे झारखंड, बंगाल और असम के ग्रामीण युवाओं को भी फायदा मिलेगा। इससे वे बेहतर तैयारी के साथ सेना की विभिन्न भर्ती प्रक्रियाओं में हिस्सा ले सकेंगे और चयन की संभावनाएं बढ़ेंगी।
केंद्रीय विद्यालय के लिए भूमि आवंटन की अपील
पप्पू यादव ने रक्षा मंत्री को अवगत कराया कि पूर्णिया में स्थित केंद्रीय विद्यालय वर्ष 2005 से वायुसेना स्थल पर संचालित हो रहा है, लेकिन अब तक यह किराए के भवन में चल रहा है। विद्यालय के पास अपनी इमारत नहीं है क्योंकि वायुसेना की ओर से अब तक भूमि का आवंटन नहीं किया गया है। उन्होंने आग्रह किया कि विद्यालय के लिए शीघ्र भूमि आवंटित कर स्थायी भवन का निर्माण कराया जाए, जिससे छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो और एक बेहतर शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराया जा सके।
सैन्य सुविधाओं और स्मृति स्थल की मांग
सांसद ने बैठक में यह भी मांग रखी कि पूर्णिया क्षेत्र में ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक, सैन्य कैंटीन (CSD), DRDO की फील्ड यूनिट और एनसीसी इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाए। इन सुविधाओं की अनुपस्थिति में न केवल पूर्व सैनिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, बल्कि युवाओं को भी आधुनिक सैन्य प्रशिक्षण और सहयोग से वंचित रहना पड़ता है। साथ ही उन्होंने शहीद स्मारक या वीर स्मृति स्थल की स्थापना की मांग भी रखी, ताकि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिल सके और देशभक्ति की भावना मजबूत हो।
राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय विकास से जुड़ी मांगें
पप्पू यादव ने स्पष्ट किया कि उनकी ये सभी मांगें केवल विकास तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये राष्ट्र की सुरक्षा और सीमांचल क्षेत्र की गरिमा से भी जुड़ी हुई हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि रक्षा मंत्रालय इन सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगा और शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेगा। यह मुलाकात पूर्णिया और सीमांचल क्षेत्र के भविष्य को दिशा देने वाली साबित हो सकती है, यदि इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की जाती है। यह न केवल इस क्षेत्र को सामरिक दृष्टिकोण से सशक्त बनाएगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को भी नए अवसरों से जोड़ने का कार्य करेगा।


