छपरा में दर्दनाक हादसा: टायर फटने से पिकअप पलटा, पांच की मौत, 10 लोग घायल
छपरा। बिहार के छपरा में सोमवार की सुबह एक भीषण सड़क हादसा हो गया जिसमें पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 10 लोग घायल हो गए। यह हादसा नयागांव थाना क्षेत्र के बाजितपुर गांव के पास हुआ। बताया जा रहा है कि पिकअप वाहन का अचानक टायर फट गया, जिससे वह अनियंत्रित होकर पलट गया। पिकअप में बैठे सभी लोग दिघवारा से सोनपुर की ओर जा रहे थे।
हादसे की पूरी घटना
सोमवार सुबह जैसे ही पिकअप वाहन बाजितपुर के पास पहुंचा, अचानक उसका एक टायर फट गया। तेज रफ्तार में होने की वजह से चालक वाहन पर नियंत्रण नहीं रख सका और पिकअप पलट गई। पिकअप में सवार अधिकतर लोग छपरा के दिघवारा क्षेत्र के निवासी थे, जो कि सोनपुर के पास हाजीपुर इलाके में मक्के की कुटाई कराने जा रहे थे। स्थानीय जानकारी के अनुसार, ये लोग महीना में दो से तीन बार इस काम के लिए यात्रा करते थे।
घटना स्थल पर चार की मौत, एक ने अस्पताल में तोड़ा दम
पिकअप पलटने के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक किशोर ने इलाज के दौरान हाजीपुर के अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस प्रकार मृतकों की संख्या बढ़कर पांच हो गई। घायल 10 लोगों में से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है, जिनका इलाज अलग-अलग अस्पतालों में किया जा रहा है।
चीख-पुकार और बचाव कार्य
हादसे के तुरंत बाद घटनास्थल पर हाहाकार मच गया। आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को बाहर निकालने में जुट गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
पुलिस ने शुरू की जांच
पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि वाहन का टायर फटने से यह हादसा हुआ। हालांकि, यह भी आशंका जताई जा रही है कि वाहन की हालत पहले से ही खराब थी और ओवरलोडिंग भी दुर्घटना का कारण हो सकती है। पिकअप में बैठने की निर्धारित सीमा से अधिक लोग सवार थे, जिससे हादसे की गंभीरता और बढ़ गई।
वाहनों की खराब स्थिति पर फिर उठे सवाल
यह हादसा एक बार फिर से राज्य में चलने वाले छोटे व्यवसायिक वाहनों की तकनीकी स्थिति पर सवाल खड़े कर रहा है। ऐसे कई वाहन बिना पर्याप्त रखरखाव के सड़कों पर दौड़ते रहते हैं। ओवरलोडिंग, खराब ब्रेक, पुराने टायर और असुरक्षित ड्राइविंग जैसे कारण ऐसे हादसों को जन्म देते हैं। आम तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात नियमों की अनदेखी एक आम बात बन चुकी है।
परिवारों पर टूटा दुख का पहाड़
हादसे में जिन लोगों की जान गई, उनके घरों में मातम पसरा हुआ है। परिजन सदमे में हैं और हर किसी की आंखें नम हैं। मृतकों की पहचान और उनके परिवार को सरकारी सहायता दिलाने के लिए प्रशासनिक कार्यवाही भी शुरू हो चुकी है। हालांकि पीड़ित परिवारों के लिए यह नुकसान कभी पूरा नहीं हो सकता।
जरूरत है सख्त नियमों की
इस हादसे ने एक बार फिर दिखा दिया है कि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन न करना कितना भारी पड़ सकता है। सरकार और परिवहन विभाग को अब और सख्ती से ऐसे वाहनों की जांच करनी चाहिए और ओवरलोडिंग जैसे खतरनाक प्रचलन पर रोक लगानी चाहिए। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी ड्राइवरों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। यह दर्दनाक घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं? जब तक नियमों का पालन नहीं होगा, तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे और निर्दोष लोग अपनी जान गंवाते रहेंगे।


