तेजस्वी ने नीतीश के राज को बताया अंधकार युग, कहा- इस साल 20 वर्षों का अंधकार समाप्त होगा, उनकी विदाई होगी

पटना। बिहार की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए गठबंधन पर करारा हमला बोला है। उन्होंने नीतीश कुमार के बीते 20 वर्षों के शासनकाल को ‘अंधकार युग’ करार दिया है और दावा किया है कि इस साल बिहार की जनता इस युग का अंत कर देगी। तेजस्वी यादव ने यह बयान सोशल मीडिया पर एक ट्वीट के माध्यम से दिया, जो तेजी से चर्चा का विषय बन गया।
नीतीश सरकार को बताया विफल
तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में बिहार सरकार की तमाम नीतियों और कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा कि नीतीश-भाजपा गठबंधन के शासनकाल में बिहार अपराध, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी का अड्डा बन गया है। उन्होंने बिहार की शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं, कानून व्यवस्था, कृषि और युवा नीति की स्थिति को भी असंतोषजनक बताया। उन्होंने इसे केवल राजनीतिक आलोचना नहीं, बल्कि एक यथार्थ बताया जिसे बिहार की जनता हर दिन झेल रही है।
समस्याओं की लंबी सूची प्रस्तुत की
तेजस्वी ने अपने ट्वीट में नीतीश सरकार की कथित विफलताओं की एक लंबी सूची साझा की। उन्होंने भ्रष्टाचार, अपराध, पलायन, बेरोजगारी, महंगाई, खराब स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा, गिरते पुल, शराबबंदी की असफलता, पेपर लीक की घटनाएं, महिलाओं की असुरक्षा, किसानों की उपेक्षा, सूखा-बाढ़ का कहर, सरकारी धन की बर्बादी, संवेदनहीन शासन, आरक्षण में हेराफेरी और रोजगार घोटालों जैसे मुद्दों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह सभी समस्याएं बिहार के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करती हैं और इनका जिम्मेदार वर्तमान शासन है।
राजनीतिक प्रतीकों के माध्यम से हमला
तेजस्वी यादव ने इससे पहले भी एक राजनीतिक प्रतीकात्मकता के माध्यम से नीतीश और मोदी पर हमला बोला था। उन्होंने एक चित्र साझा किया था जिसमें नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पेड़ के रूप में दर्शाया गया था और इस पेड़ की शाखाओं पर अपराध, बेरोजगारी, लूट, बलात्कार, स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली, शिक्षा व्यवस्था की गिरावट, पलायन और पुलिसिया अत्याचार जैसे मुद्दों को दिखाया गया था। तेजस्वी का यह प्रतीकात्मक चित्र यह बताने की कोशिश कर रहा था कि बिहार की जड़ें तो मौजूद हैं, लेकिन उसकी शाखाएं मुरझा चुकी हैं और पेड़ बंजर हो चुका है।
बिहार की जनता से बदलाव की अपील
तेजस्वी यादव ने अपने बयान में यह भी कहा कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है और 2025 में इसका समय आ गया है। उन्होंने दावा किया कि इस बार जनता ‘अंधकार युग’ को समाप्त कर एक नई सुबह की शुरुआत करेगी। उनका कहना है कि अब कुशासन का अंत होना चाहिए और बिहार को एक नई दिशा देने की जरूरत है। तेजस्वी ने खुद को उस विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है जो बिहार को तरक्की की राह पर ले जा सकता है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और चुनावी संकेत
तेजस्वी यादव के ये बयानों को सिर्फ राजनीतिक हमला नहीं, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है। महागठबंधन के भीतर नेतृत्व को लेकर चल रही चर्चा और विभिन्न दलों के बीच तालमेल की कोशिशों के बीच तेजस्वी खुद को एक सशक्त और निर्णायक नेता के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं। उनके इन बयानों में एक स्पष्ट चुनावी संदेश है कि बिहार को वर्तमान सरकार से मुक्ति दिलाने के लिए जनता को एकजुट होकर वोट करना चाहिए।
भविष्य की राजनीति की दिशा
तेजस्वी यादव की यह रणनीति आगामी चुनावी लड़ाई को सीधे नीतीश बनाम तेजस्वी के मुकाबले में तब्दील करने की कोशिश है। वे न केवल सरकार की आलोचना कर रहे हैं बल्कि खुद को एक परिपक्व और विकल्प देने वाले नेता के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। अगर आने वाले दिनों में महागठबंधन के अन्य दलों का साथ और जनता का समर्थन उन्हें मिलता है, तो यह रणनीति कारगर साबित हो सकती है। इस तरह तेजस्वी यादव का यह बयान बिहार की चुनावी राजनीति में एक और महत्वपूर्ण मोड़ बन गया है, जिससे आने वाले समय में राजनीतिक बहस और भी तेज हो सकती है।

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