आधे घंटे की बारिश से पटना बेहाल, कई जगहों पर भारी जल जमाव, नगर निगम के सामने बड़ी चुनौती
पटना। पटना में शुक्रवार को हुई केवल आधे घंटे की बारिश ने नगर निगम और प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी। शहर के कई क्षेत्रों में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे आम लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। यह स्थिति स्पष्ट करती है कि मानसून आने से पहले ही पटना में जल निकासी व्यवस्था कितनी कमजोर है।
निचले इलाकों में ज्यादा असर
बारिश के कारण विशेषकर निचले इलाकों में जल जमाव की स्थिति गंभीर रही। सड़कें पानी में डूब गईं, नालियों का पानी बाहर आ गया और लोगों को पैदल चलने में भारी कठिनाई हुई। कई इलाकों में वाहनों की आवाजाही भी बाधित रही, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही। यह केवल एक चेतावनी है कि अगर समय रहते तैयारी नहीं की गई तो मानसून में हालात और भी खराब हो सकते हैं।
अत्याधुनिक क्षेत्रों की भी स्थिति चिंताजनक
हैरानी की बात यह है कि जल जमाव की सूची में हाई-फाई इलाके जैसे विधानसभा, हाई कोर्ट और एयरपोर्ट क्षेत्र भी शामिल हैं। ये ऐसे क्षेत्र हैं जो शहर की प्रतिष्ठा से जुड़े हुए हैं और प्रशासनिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण हैं। इन इलाकों में जल जमाव का मतलब है कि राजधानी का बुनियादी ढांचा कितनी बड़ी चुनौती के सामने खड़ा है।
33 जल जमाव संभावित स्थानों की पहचान
पटना नगर निगम और बुडको ने शहर में 33 ऐसे स्थान चिन्हित किए हैं, जहां जल जमाव की अधिक संभावना है। इन स्थानों को अलग-अलग अंचलों के अनुसार बांटा गया है। पाटलिपुत्र अंचल में 6, नूतन राजधानी अंचल में 5, कंकड़बाग अंचल में 5, अजीमाबाद अंचल में 5, पटना सिटी अंचल में 5 और बांकीपुर अंचल में भी 5 स्थान जल जमाव संभावित सूची में हैं। इस सूची को ध्यान में रखते हुए नगर निगम और संबंधित विभागों को आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है।
जल जमाव पर निगरानी की व्यवस्था
जल जमाव की स्थिति पर निगरानी रखने के लिए बुडको द्वारा ICCC (इंटरग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर) में अस्थाई कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। इसमें 16 कैमरों के माध्यम से चिन्हित जल जमाव स्थलों पर नजर रखी जा रही है। कंट्रोल रूम में तीन शिफ्ट में कर्मचारी तैनात रहेंगे, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके।
प्रशासन की चुनौती
पटना नगर निगम और बुडको के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि समय रहते जल निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए। नालियों की सफाई, जल भराव वाले क्षेत्रों में पंपिंग सेट की व्यवस्था और ड्रेनेज सिस्टम की मरम्मत जैसे कार्यों को प्राथमिकता देनी होगी। अगर ये कार्य समय पर नहीं किए गए तो मानसून के दौरान शहर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।
जनता की नाराजगी
हर वर्ष बरसात में पटना के लोग जल जमाव से परेशान होते हैं। सरकारी योजनाएं और दावे केवल कागजों तक सीमित रह जाते हैं। इस बार भी आधे घंटे की बारिश ने जनता को फिर से चिंता में डाल दिया है। लोग सवाल कर रहे हैं कि जब महज आधे घंटे की बारिश में यह हाल है, तो पूरे मानसून में स्थिति कैसी होगी? पटना में हुई अल्पकालिक बारिश ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नगर निगम और संबंधित एजेंसियों के पास जल निकासी की पर्याप्त और प्रभावी व्यवस्था नहीं है। समय रहते तैयारी नहीं की गई तो यह समस्या महामारी, दुर्घटना और प्रशासनिक अव्यवस्था का कारण बन सकती है। आवश्यकता है कि चिन्हित जल जमाव क्षेत्रों में शीघ्र ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि राजधानी का चेहरा बार-बार पानी में डूबता नजर न आए।


