December 8, 2025

पटना में 5 दिनों से लापता युवक के लिए प्रदर्शन, नौबतपुर मुख्य मार्ग जाम, जमकर हुई नारेबाजी

पटना। पटना जिले के नौबतपुर प्रखंड में एक युवक की रहस्यमय ढंग से लापता हो जाने की घटना ने अब विकराल रूप ले लिया है। चिरौरा गांव निवासी रवि रंजन की पिछले पांच दिनों से कोई खबर नहीं है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। युवक की सकुशल बरामदगी की मांग को लेकर गुरुवार को स्थानीय लोगों ने नौबतपुर मुख्य मार्ग को पूरी तरह से जाम कर दिया और जमकर नारेबाजी की।
एक जून से लापता है रवि रंजन
घटना की शुरुआत 1 जून 2025 को हुई थी, जब चिरौरा गांव का युवक रवि रंजन मोटरसाइकिल से नौबतपुर बाजार गया था। उस दिन वह घर नहीं लौटा। परिवार को चिंता हुई तो उन्होंने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। अगले दिन जब वे थाना पहुंचे तो उन्हें रवि की मोटरसाइकिल थाना परिसर में खड़ी मिली। यह देख परिजन और भी चिंतित हो उठे और उन्होंने रवि की बरामदगी की मांग की।
पुलिस की थ्योरी और परिवार का विरोध
नौबतपुर थानाध्यक्ष रजनीश कुमार केसरी का कहना है कि रवि रंजन की एक साइकिल से टक्कर हो गई थी, जिसके बाद वह घायल हो गया। उनका यह भी कहना है कि घटना के समय मौके पर मौजूद लोगों ने रवि को एंबुलेंस से पटना एम्स भेजा था। पुलिस का दावा है कि इस संबंध में स्थानीय लोगों से जानकारी ली जा रही है और सीसीटीवी फुटेज की जांच भी की जा रही है। हालांकि, रवि के परिवार वाले पुलिस के इस बयान से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि यदि रवि घायल था तो अस्पताल में उसकी कोई जानकारी अब तक क्यों नहीं मिली। न तो एम्स में कोई स्पष्ट जानकारी है और न ही किसी एंबुलेंस का रिकॉर्ड। परिवार ने पुलिस पर गंभीर लापरवाही और मामले को छुपाने का आरोप लगाया है।
ग्रामीणों का प्रदर्शन और सड़क जाम
गुरुवार को रवि रंजन की बरामदगी की मांग को लेकर चिरौरा और आसपास के गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने नौबतपुर- पटना मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों का कहना था कि पांच दिन बीतने के बाद भी युवक का कोई पता नहीं चलना पुलिस की नाकामी को दर्शाता है। सड़क जाम के कारण आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। यातायात पूरी तरह ठप हो गया। कई स्कूलों के वाहन और एंबुलेंस भी जाम में फंस गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।
जांच के नाम पर चल रहा आरोप-प्रत्यारोप
घटना के बाद से पुलिस और परिजनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। जहां पुलिस दावा कर रही है कि वह हर पहलू की जांच कर रही है, वहीं परिवार का आरोप है कि अब तक उन्हें कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई है। परिवार वालों का कहना है कि यदि रवि को एम्स ले जाया गया था तो उनका कोई रिकॉर्ड क्यों नहीं है। ग्रामीणों की मांग है कि पुलिस सीसीटीवी फुटेज और अस्पताल के रिकॉर्ड सार्वजनिक करे, ताकि सच्चाई सामने आ सके। फिलहाल, मामला रहस्यमय बना हुआ है और रवि रंजन की खोज अब भी जारी है।
जनता में बढ़ता असुरक्षा का भाव
यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि आम नागरिक कितने सुरक्षित हैं। यदि एक युवक दिनदहाड़े बाजार से लापता हो जाए और पुलिस उसे खोजने में विफल हो, तो यह पूरे तंत्र की विफलता मानी जाएगी। जनता में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है और ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच की मांग लगातार उठ रही है।

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