December 8, 2025

नालंदा में नवविवाहिता की संदिग्ध मौत से हड़कंप, दहेज हत्या के आशंका, पति समेत चार पर एफआईआर

नालंदा। बिहार के नालंदा जिले में एक नवविवाहिता की संदिग्ध मौत ने इलाके में सनसनी फैला दी है। मृतका की पहचान निशु कुमारी के रूप में हुई है, जिसकी शादी मात्र दस महीने पहले मकनपुर गांव निवासी रोहित चौहान से हुई थी। मामला नूरसराय थाना क्षेत्र के मकनपुर गांव का है, जहां बुधवार देर रात इस घटना की जानकारी सामने आई।
रात में मिली खुदकुशी की सूचना
निशु के मायके वालों के अनुसार बुधवार की रात को निशु की ननद का फोन आया था। उसने बताया कि निशु ने आत्महत्या कर ली है। जैसे ही यह खबर मिली, मृतका के पिता दिनेश चौहान अन्य परिजनों के साथ मौके पर पहुंचे। लेकिन वहां पहुंचने पर जो हालात दिखे, उसने आत्महत्या की बात पर संदेह खड़ा कर दिया। परिजनों का कहना है कि जब वे घर पहुंचे, तो वहां कोई भी मौजूद नहीं था। केवल निशु का शव बेड पर पड़ा था। देखने से लग रहा था कि उसकी हत्या की गई है। मृतका के पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी की हत्या मुंह दबाकर की गई है। उन्होंने दावा किया कि उनकी बेटी को ननद और सास ने मिलकर मारा है।
दहेज प्रताड़ना का आरोप
मृतका के पिता दिनेश चौहान ने मीडिया से बातचीत में बताया कि बेटी की शादी बड़े धूमधाम से हुई थी। शादी के समय जितनी भी दहेज की मांग की गई थी, सब कुछ दिया गया। शादी के बाद से ही ससुराल वाले और विशेषकर सास, ननद व पति उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। वे दहेज में और अधिक रुपये और सामान की मांग कर रहे थे। इन मांगों को पूरा न करने पर उसे आए दिन प्रताड़ित किया जाता था। परिजनों का आरोप है कि लगातार मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से परेशान होकर या फिर योजनाबद्ध तरीके से ससुराल वालों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
नूरसराय थाने के थानाध्यक्ष रजनीश कुमार ने जानकारी दी कि जैसे ही उन्हें घटना की सूचना मिली, पुलिस की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बिहार शरीफ स्थित मॉडल अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असल कारणों का स्पष्ट रूप से पता चल पाएगा। फिलहाल मृतका के मायके वालों की ओर से पति रोहित चौहान समेत चार लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया गया है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सभी आरोपी घर छोड़कर फरार हो गए हैं। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।
दहेज हत्या पर समाज में सवाल
यह घटना न केवल एक परिवार की व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज के उस कुरूप चेहरे को भी उजागर करती है, जिसमें दहेज के लिए बेटियों की जान ली जा रही है। ऐसा तब हो रहा है जब कानून दहेज उत्पीड़न और हत्या के खिलाफ सख्त है, लेकिन सामाजिक सोच और पारिवारिक दबाव के कारण ऐसी घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। नालंदा की यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर कब तक दहेज जैसी कुरीतियों के कारण बेटियों की बलि चढ़ाई जाती रहेगी। इस मामले की निष्पक्ष जांच और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग समाज के हर जागरूक नागरिक की है।

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