December 8, 2025

प्रदेश में बिहार के खतरे से लड़ने को तैयार बिहार सरकार, तटबंध एवं कटाव निरोधक के लिए 116 करोड़ जारी

पटना। बिहार हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका का सामना करता है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि बर्बाद हो जाती है। इसी संभावित खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने इस बार समय रहते तैयारी शुरू कर दी है। मंगलवार को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बाढ़ से बचाव को लेकर कई बड़ी घोषणाएं कीं, जिनमें तटबंध निर्माण और कटाव निरोधक कार्यों के लिए 116 करोड़ रुपये की मंजूरी शामिल है।
बेगूसराय में तटबंध निर्माण को मिली मंजूरी
सम्राट चौधरी ने जानकारी दी कि बेगूसराय जिले के हसनपुर-बनिया से सगुनी तक 8.330 किलोमीटर लंबाई में नए तटबंध निर्माण के लिए 59.98 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है। इस क्षेत्र में हर वर्ष गंगा के बढ़ते जलस्तर और उसके कारण होने वाले कटाव से जान-माल को भारी नुकसान पहुंचता रहा है। ऐसे में इस तटबंध निर्माण से इलाके को स्थायी सुरक्षा मिलने की उम्मीद है। इस परियोजना का उद्देश्य केवल बाढ़ नियंत्रण तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे किसानों की कृषि भूमि की रक्षा और ग्रामीण जनजीवन को स्थायित्व भी मिलेगा। तटबंधों के निर्माण से नदी के बहाव को नियंत्रित कर उसे सुरक्षित दिशा में मोड़ा जा सकेगा, जिससे बाढ़ का प्रभाव कम होगा।
पटना के बख्तियारपुर में कटाव रोकने पर ध्यान
राजधानी पटना के अंतर्गत आने वाले बख्तियारपुर प्रखंड में गंगा चैनल के दाएं तट पर कटाव निरोधक कार्यों के लिए 56.06 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। यह इलाका हर वर्ष गंगा के कटाव की चपेट में आता है जिससे स्थानीय आबादी, सड़कें और खेतों को नुकसान पहुंचता है। सरकार द्वारा स्वीकृत राशि से यहां पक्के सुरक्षात्मक निर्माण किए जाएंगे ताकि नदी के तेज बहाव से भूमि का क्षरण रोका जा सके। यह कार्य न केवल स्थायी समाधान प्रदान करेगा, बल्कि इस क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को भी खत्म करेगा।
स्थानीय आबादी को राहत मिलने की उम्मीद
उपमुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि इन परियोजनाओं से न केवल बाढ़ और कटाव से राहत मिलेगी, बल्कि इससे हजारों लोगों की जीविका भी सुरक्षित होगी। तटबंधों और कटाव निरोधक कार्यों से प्रभावित क्षेत्रों की कृषि भूमि, मकान और सड़कें संरक्षित रहेंगी जिससे आर्थिक नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
जल संसाधन विभाग को दिए गए निर्देश
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि जल संसाधन विभाग इन परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूरा करे। समय पर निर्माण कार्य पूरा होने से बाढ़ के पूर्व ही सुरक्षा कवच तैयार हो जाएगा, जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटना आसान होगा। बिहार सरकार की यह पहल बाढ़ से जूझते लोगों के लिए एक सकारात्मक कदम है। बेगूसराय और पटना जैसे संवेदनशील जिलों में तटबंध निर्माण और कटाव नियंत्रण से न केवल प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा मिलेगी, बल्कि राज्य के विकास में भी गति आएगी। समय पर कार्य पूरे होने से यह योजनाएं बाढ़ प्रबंधन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं।

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