December 8, 2025

कैबिनेट की बैठक में 47 एजेंडों पर मुहर: फुलवारी और दानापुर को नगर निकाय का दर्जा, छज्जूबाग में पुलिस अधिकारियों के लिए बनेगा आवास

  • जीविका निधि में संविदा पदों की स्वीकृति, भवन निर्माण विभाग में अग्नि सुरक्षा प्रस्ताव, लोक सेवा आयोग के लिए नए पद

पटना। राजधानी पटना में मंगलवार को मुख्यमंत्री सचिवालय के कैबिनेट हाल में नीतीश कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की। इसके साथ-साथ दोनों डिप्टी सीएम और संबंधित विभागों के मंत्री और अधिकारी भी कैबिनेट की मीटिंग में उपस्थित रहे। जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में विभिन्न विभागों के 47 प्रस्ताव को कैबिनेट के द्वारा मंजूर किया गया है।
फुलवारी और दानापुर को मिला नगर निकाय का दर्जा
राज्य सरकार ने शहरी विकास की दिशा में भी अहम फैसले लिए हैं। फुलवारी नगर परिषद को नगर निकाय में शामिल कर लिया गया है। साथ ही दानापुर नगर परिषद को भी नगर निकाय में शामिल कर लिया गया है। इन दोनों क्षेत्रों को नगर निकाय का दर्जा मिलने से वहां अब शहरी सुविधाओं का विस्तार और विकास कार्यों की गति तेज होने की उम्मीद है। इससे स्थानीय निवासियों को बेहतर आधारभूत संरचना और नागरिक सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
छज्जूबाग में अधिकारियों के लिए आवास
राजधानी पटना के छज्जू बाग क्षेत्र में अब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए आवासीय परिसर का निर्माण होगा। इस फैसले से कानून व्यवस्था से जुड़े उच्च पदस्थ अधिकारियों को बेहतर आवासीय सुविधाएं मिल सकेंगी, जिससे उनके कार्य निष्पादन में सुधार आने की उम्मीद है।
ड्रग इंस्पेक्टर की बर्खास्तगी
राज्य सरकार ने पटना-5 के ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। यह निर्णय दवा नियंत्रण विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है।
भू-संपदा व शिक्षा पदाधिकारियों के नए पद
कैबिनेट ने सहायक भू-संपदा पदाधिकारी के 38 पद और सहायक शिक्षा विकास पदाधिकारी के 935 पदों की स्वीकृति दी है। इन पदों के सृजन से भू-संपत्ति संबंधी मामलों और शिक्षा विभाग में प्रशासनिक बोझ को कम करने में सहायता मिलेगी।
मध्यान भोजन योजना में निजी भागीदारी
बिहार सरकार ने नौबतपुर में बेंगलुरु स्थित अक्षय पात्र फाउंडेशन को मध्यान भोजन आपूर्ति हेतु भूमि आवंटित की है। इससे स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक भोजन की आपूर्ति और अधिक व्यवस्थित तरीके से की जा सकेगी। यह कदम सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है।
निषेध विभाग और वेतनमान में सुधार
मद्य निषेध निरीक्षकों के वेतनमान में संशोधन किया गया है, जिससे इस संवेदनशील विभाग के कर्मचारियों को आर्थिक मजबूती मिलेगी और वे अपने कार्य को अधिक प्रभावी ढंग से कर सकेंगे।
हर जिले में आयोजन क्षेत्र पदाधिकारी कार्यालय
राज्य के प्रत्येक जिले में आयोजन क्षेत्र पदाधिकारी कार्यालय की स्थापना को मंजूरी दी गई है। इससे जिले स्तर पर सरकारी आयोजनों, योजनाओं और गतिविधियों के क्रियान्वयन में बेहतर समन्वय हो सकेगा।
भवन निर्माण विभाग में अग्नि सुरक्षा प्रस्ताव
भवन निर्माण विभाग के अंतर्गत अग्निकांड से बचाव के लिए कई प्रस्तावों को स्वीकृति मिली है। यह निर्णय राज्य के सरकारी भवनों में आग से सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
लोक सेवा आयोग के लिए नए पद
बिहार लोक सेवा आयोग में लिपिक के 15 नए पदों को मंजूरी दी गई है। इससे आयोग के कार्यों की गति और दक्षता में वृद्धि होगी। इन सभी फैसलों से स्पष्ट है कि बिहार सरकार प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था में सुधार की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। ये निर्णय आने वाले समय में राज्य के सुशासन मॉडल को और अधिक प्रभावी बना सकते हैं।
पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं के लिए मिली बड़ी मंजूरी
बिहार सरकार ने विभिन्न जिलों में जलापूर्ति परियोजनाओं के लिए बड़ी आर्थिक स्वीकृतियां दी हैं। आरा में जलापूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 138 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी, जिससे हजारों परिवारों को लाभ मिलेगा। वहीं, सिवान जिले में जलापूर्ति परियोजना के लिए एक अरब 13 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। यह राज्य के जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में एक बड़ी पहल मानी जा रही है। इसी तरह सासाराम में भी जल आपूर्ति व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए 76 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है। इन योजनाओं का उद्देश्य लोगों को स्वच्छ और नियमित पेयजल उपलब्ध कराना है।
औरंगाबाद को मिला विशेष सहयोग
औरंगाबाद जिले में विकास कार्यों को मजबूती देने के उद्देश्य से 497 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। यह राशि मुख्यतः शहरी ढांचे के विकास, जलापूर्ति और आधारभूत सेवाओं के विस्तार में खर्च की जाएगी। इससे जिले में रहने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। बिहार सरकार द्वारा लिए गए ये फैसले राज्य के समग्र विकास को दर्शाते हैं। चाहे वह रोजगार सृजन हो, शहरी विस्तार हो या जलापूर्ति से जुड़ी आधारभूत जरूरतें—इन सभी क्षेत्रों में सरकार की सक्रियता से आम जनता को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। यह राज्य की विकास यात्रा में एक अहम पड़ाव साबित हो सकता है।
बिहार में कृषि सेवा के 9 पदों का सृजन, जीविका निधि में 653 संविदा पद स्वीकृत
बिहार सरकार ने कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने और प्रशासनिक कार्यों में गति लाने के उद्देश्य से कृषि सेवा के अंतर्गत 9 नए पदों के सृजन को स्वीकृति दी है। यह कदम राज्य में कृषि गतिविधियों को और प्रभावी बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है। इन पदों के सृजन से कृषि विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार आने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे किसानों को अधिक बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।
बिहार जीविका निधि में संविदा पदों की स्वीकृति
इसके साथ ही सरकार ने बिहार जीविका निधि शक सरकारी संघ लिमिटेड के अंतर्गत 653 पदों को संविदा आधारित सृजन की मंजूरी दी है। इन पदों पर नियुक्तियां अस्थायी आधार पर की जाएंगी लेकिन इनका उद्देश्य राज्य में चल रही जीविका परियोजनाओं को मज़बूती प्रदान करना है। बिहार जीविका का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के संसाधनों का विकास करना है और इन पदों के जरिए उसी लक्ष्य को गति देने की तैयारी है।
विकास योजनाओं में आएगी तेजी
राज्य सरकार का मानना है कि इन नई नियुक्तियों और पद सृजन से विभागीय कार्यों में गति आएगी। जहां एक ओर कृषि सेवा में कुशल मानव संसाधन की जरूरत थी, वहीं जीविका जैसी परियोजनाओं में कार्यभार को संभालने के लिए अतिरिक्त सहयोगियों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इन दोनों कदमों से न केवल प्रशासनिक मजबूती मिलेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। बिहार सरकार का यह निर्णय ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। इससे योजनाओं का क्रियान्वयन अधिक प्रभावी ढंग से हो सकेगा।
समाज कल्याण विभाग 190 पदों की स्वीकृति, महिलाओं की सुरक्षा के लिए संरक्षण पदाधिकारी नियुक्त
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इन निर्णयों का प्रभाव राज्य के प्रशासनिक ढांचे, तकनीकी शिक्षा और महिला सुरक्षा के क्षेत्र में व्यापक रूप से देखा जाएगा। बैठक में समाज कल्याण विभाग में 190 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है। इन पदों की स्वीकृति से विभाग की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी और सामाजिक सेवाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी कैबिनेट ने एक अहम फैसला लिया है। घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए संरक्षण पदाधिकारियों की नियुक्ति की मंजूरी दी गई है। इस कदम से पीड़ित महिलाओं को कानूनी और मानसिक सहायता समय पर मिल सकेगी, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े निर्णय हुए हैं। कैबिनेट ने “बिहार पॉलिटेक्निक शिक्षा सेवा संशोधन 2025” और “बिहार अभियंत्रण शिक्षा सेवा संशोधन 2025” को स्वीकृति प्रदान की है। इन संशोधनों से पॉलिटेक्निक और अभियंत्रण संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होने की उम्मीद है। साथ ही, इन संस्थानों के संचालन और शिक्षकों की सेवा शर्तों में भी बदलाव संभव है। वहीं, राज्य में एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर लगने वाले वैट की दरों को घटाने का निर्णय भी लिया गया है। इस फैसले से विमानन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और बिहार में हवाई सेवाओं के विस्तार की संभावनाएं प्रबल होंगी। कैबिनेट के इन फैसलों को राज्य के विकास और जनहित के लिहाज से अहम माना जा रहा है।

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