December 3, 2025

देश में इस बार सात दिन पहले आएगा मानसून, केरल से देगा दस्तक

नई दिल्ली। देशभर में जारी भीषण गर्मी से राहत की उम्मीद अब जल्द ही मिलने वाली है, क्योंकि इस बार मानसून समय से पहले दस्तक देने जा रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, 2025 में मानसून सामान्य समय से लगभग छह दिन पहले यानी 26 मई के आसपास केरल पहुंच सकता है। आमतौर पर मानसून 1 जून को केरल से शुरू होता है, लेकिन इस बार मौसम की परिस्थितियाँ कुछ अलग हैं।
2009 के बाद सबसे जल्दी दस्तक की संभावना
आईएमडी के अनुसार, यदि इस वर्ष मानसून 26 मई को केरल पहुंचेगा, तो यह 2009 के बाद सबसे पहले आने वाला मानसून होगा। पिछले वर्षों की तुलना करें तो 2023 में यह 30 मई को, 2022 में 29 मई को, 2021 में 3 जून को और 2020 में 1 जून को केरल पहुंचा था। 2019 में 8 जून और 2018 में 29 मई को मानसून ने दस्तक दी थी।
दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रगति
मौसम विभाग ने बताया है कि 22 मई से दक्षिण-पश्चिम मानसून के दक्षिण अरब सागर के कुछ और हिस्सों, मालदीव, लक्षद्वीप, तमिलनाडु, बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में आगे बढ़ने की संभावना है। मानसून का यह फैलाव संकेत देता है कि देश के विभिन्न हिस्सों में भी समय से पहले बारिश शुरू हो सकती है।
देशव्यापी मानसून चक्र और पीछे हटने की प्रक्रिया
आमतौर पर मानसून 1 जून को केरल में दस्तक देता है और लगभग 8 जुलाई तक पूरे भारत को ढक लेता है। इसके बाद यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरा मानसून भारत से वापस चला जाता है। इस समयसारणी में यदि परिवर्तन होता है, तो यह खेती और जल प्रबंधन जैसे कई क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है।
इस बार सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान
आईएमडी ने अप्रैल में यह अनुमान लगाया था कि 2025 का मानसून सामान्य से अधिक वर्षा लेकर आ सकता है। इस अनुमान के तहत यह भी कहा गया कि अल नीनो की स्थिति की संभावना नहीं है, जो आमतौर पर भारतीय उपमहाद्वीप में सूखे और कम वर्षा के लिए जिम्मेदार होता है।
पूर्वानुमान: गरज-चमक और तेज हवाएं
मौसम विभाग के अनुसार, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, मराठवाड़ा, नगालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ 64.5 से 115.5 मिमी तक बारिश हो सकती है। समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है और एक ट्रफ रेखा मध्य पाकिस्तान से होकर बिहार और पश्चिम बंगाल होते हुए उत्तरी बांग्लादेश तक फैली हुई है।
उत्तर भारत में भी मौसम का असर
इस ट्रफ लाइन और कम दबाव के क्षेत्र के प्रभाव से 21 से 26 मई के बीच पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने, बिजली चमकने और हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में आंधी-तूफान और ओलावृष्टि की आशंका भी व्यक्त की गई है। मौसम में हो रहे ये बदलाव संकेत दे रहे हैं कि इस बार मानसून न केवल समय से पहले आएगा, बल्कि यह सामान्य से अधिक बारिश भी ला सकता है। यह खबर किसानों और जल आपूर्ति पर निर्भर क्षेत्रों के लिए राहत देने वाली है। हालांकि, तेज हवाओं और आंधी की संभावनाएं सतर्कता बरतने की आवश्यकता को भी दर्शाती हैं। मौसम विज्ञान विभाग की सटीक भविष्यवाणियों के साथ, आने वाले समय में मौसम की चाल पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।

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