November 20, 2025

खगड़िया में किसान की गोली मारकर हत्या, फिरौती नहीं देने पर अपराधियों ने मार डाला

खगड़िया। बिहार के खगड़िया जिले से एक बेहद दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां एक मेहनती किसान की फिरौती नहीं देने पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना अलौली थाना क्षेत्र के पिपरपांती गांव की है, जहां अपराधियों ने न सिर्फ एक निर्दोष किसान की जान ली, बल्कि इलाके की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
फिरौती की मांग और अगवा करने की साजिश
मृतक किसान की पहचान नगर पंचायत वार्ड संख्या चार निवासी महेश्वर यादव के पुत्र तिरबल कुमार के रूप में हुई है, जिनकी उम्र लगभग 33 वर्ष थी। बताया जा रहा है कि मंगलवार की शाम को तिरबल से 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। यह मांग नक्सली गिरोह से जुड़े मनोज सदा द्वारा की गई थी, जो पहले भी कई आपराधिक मामलों में शामिल रहा है। परिवार का कहना है कि जब तिरबल ने फिरौती देने से इनकार किया, तो दो घंटे के भीतर उसे कलवारा बहियार से अगवा कर लिया गया और पिपरपांती पुलिस पिकेट के नजदीक ले जाकर गोली मार दी गई। खास बात यह है कि यह घटना पुलिस पिकेट से महज 50 मीटर की दूरी पर हुई, जो सुरक्षा व्यवस्था की कमजोर स्थिति को उजागर करता है।
घटना की जानकारी और अस्पताल में मौत
घटना की सूचना सबसे पहले स्थानीय लोगों ने सड़क दुर्घटना समझकर परिजनों को दी। जब तिरबल के भाई बबलू यादव मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने तिरबल को खून से लथपथ हालत में पाया। घायल तिरबल ने खुद बताया कि उसे मनोज सदा ने गोली मारी है। आनन-फानन में परिजन उसे सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए बेगूसराय रेफर कर दिया। दुर्भाग्यवश रास्ते में ही तिरबल की मौत हो गई।
अपराधी का आपराधिक इतिहास
मृतक के परिजनों के अनुसार मनोज सदा पहले से ही नक्सली गतिविधियों में संलिप्त रहा है। वह इलाके के किसानों से जबरन लेवी वसूलता है और मांग पूरी न होने पर हिंसक घटनाओं को अंजाम देता है। तिरबल से भी उसने मंगलवार को 10 लाख रुपये की मांग की थी और न देने पर जान से मारने की धमकी दी थी। मनोज हत्या, लूट और मारपीट जैसे गंभीर अपराधों में शामिल रह चुका है और कई बार जेल भी जा चुका है।
स्थानीय लोगों में डर का माहौल
इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। किसान समुदाय में डर है कि कहीं अगला निशाना वे न बन जाएं। खासकर उन लोगों के लिए यह चिंता की बात है जो बहियार में खेती करते हैं और अक्सर गिरोहों की नजरों में आ जाते हैं। मृतक किसान तिरबल 30 बीघा जमीन पर खेती करता था और अपनी मेहनत से घर चलाता था। ऐसे मेहनती और ईमानदार व्यक्ति की हत्या ने ग्रामीणों को झकझोर कर रख दिया है।
प्रशासन से कार्रवाई की मांग
मृतक के परिवार और स्थानीय लोगों ने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि जब पुलिस पिकेट के इतने पास घटना हो सकती है, तो आम आदमी की सुरक्षा की क्या गारंटी है। उन्होंने नक्सली गिरोह के नेटवर्क को खत्म करने की मांग भी की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल
यह घटना न केवल एक किसान की हत्या है, बल्कि यह पूरे सिस्टम पर सवाल है। जिस व्यक्ति ने मेहनत से अपने जीवन को संवारने की कोशिश की, उसे अपराधियों ने बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। यह घटना यह दिखाती है कि नक्सली और अपराधी अब कानून से नहीं डरते, और यदि प्रशासन ने समय रहते कड़ी कार्रवाई नहीं की, तो हालात और भी बदतर हो सकते हैं।

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