December 3, 2025

स्कूलों में अब फर्जी उपस्थिति दर्ज करने वाले शिक्षकों की खैर नहीं, आम लोग दर्ज कर सकेंगे शिकायत, आदेश जारी

पटना। बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने की दिशा में सरकार लगातार कदम उठा रही है। हाल ही में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर सामने आए फर्जीवाड़े के मामलों ने शिक्षा विभाग को सतर्क कर दिया है। इस क्रम में पटना जिले से जो तथ्य सामने आए हैं, वे चिंताजनक हैं और सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
फर्जी हाजिरी से शिक्षा व्यवस्था पर असर
पटना जिले में लगभग 1500 शिक्षक “मार्क ऑन ड्यूटी” सुविधा का उपयोग करते हैं, लेकिन जांच में पाया गया कि इनमें से केवल 500 शिक्षक ही वास्तविक रूप से ड्यूटी पर उपस्थित होते हैं। बाकी शिक्षक अपनी तस्वीर किसी अन्य व्यक्ति को भेजकर, उससे उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। इसका सीधा प्रभाव विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। जब शिक्षक स्कूल में उपस्थित नहीं होंगे तो शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट होना स्वाभाविक है।
ई-शिक्षा कोष पोर्टल के दुरुपयोग का मामला
सरकार द्वारा शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए “ई-शिक्षा कोष पोर्टल” की व्यवस्था की गई है। इसमें शिक्षकों को प्रतिदिन अपनी इन और आउट टाइम की सेल्फी अपलोड करनी होती है। लेकिन कुछ शिक्षकों ने इस तकनीकी सुविधा का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है। वे खुद स्कूल में उपस्थित नहीं रहते, लेकिन फोटो भेजकर किसी और से अपनी उपस्थिति दर्ज करवा लेते हैं।
अब आम नागरिक भी कर सकेंगे शिकायत
शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बड़ा कदम उठाया है। अब आम लोग भी फर्जी उपस्थिति और शिक्षकों की लापरवाही की शिकायत कर सकेंगे। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि यदि किसी को कोई भी जानकारी या प्रमाण मिलता है कि कोई शिक्षक स्कूल में उपस्थित नहीं है और फिर भी हाजिरी लगा रहा है, तो वह व्यक्ति ई-मेल के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत की प्रमाणिकता की जांच की जाएगी और शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
जांच और कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू
शिक्षा विभाग ने इस फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। रैंडम तरीके से शिक्षकों की उपस्थिति की जांच की जाएगी और दोषी पाए गए शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिला शिक्षा कार्यालय के अधिकारी इस कार्य में पूरी तरह से जुट गए हैं।
शिक्षा सुधार के प्रयासों पर असर
सरकार ने सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की नियमित उपस्थिति आवश्यक है। लेकिन कुछ लापरवाह शिक्षक इस पूरे प्रयास को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें शिक्षा व्यवस्था से बाहर करने की बात शिक्षा विभाग ने स्पष्ट तौर पर कही है।
सख्त चेतावनी और भविष्य की रणनीति
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि फर्जी उपस्थिति दर्ज करने वाले शिक्षकों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। विभाग का उद्देश्य स्कूलों में अनुशासन, जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ाना है ताकि बच्चों को एक बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिल सके। यह कदम न केवल शिक्षकों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराएगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक पहल भी साबित होगा।

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