बेउर जेल से भागलपुर भेजे गए राजद विधायक रीतलाल यादव, रंगदारी मामले में करवाई, तीन कैदियों का हुआ ट्रांसफर

पटना। पटना के चर्चित बेउर जेल में बंद राजद विधायक रीतलाल यादव को प्रशासन ने गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच भागलपुर जेल भेज दिया। यह कदम रंगदारी मांगने के मामले में दर्ज एफआईआर और उससे जुड़ी सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
रंगदारी के आरोप में गिरफ्तारी
गौरतलब है कि रीतलाल यादव पर पटना के एक नामी बिल्डर से रंगदारी मांगने का गंभीर आरोप है। इस मामले को लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद उन्होंने कुछ ही दिन पहले पटना के दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद उन्हें बेउर जेल भेज दिया गया था।
साथ में भेजे गए साले और सहयोगी
रीतलाल यादव के साथ उनके साले चीकू यादव और एक अन्य करीबी सहयोगी श्रवण यादव को भी भागलपुर जेल में ट्रांसफर किया गया है। तीनों को एक साथ विशेष सुरक्षा में जेल वाहन के जरिए पटना से भागलपुर ले जाया गया।
ट्रांसफर के कारणों पर संशय
हालांकि जेल ट्रांसफर की स्पष्ट वजह का आधिकारिक खुलासा अब तक नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों के अनुसार सुरक्षा कारणों और जेल के भीतर किसी संभावित तनाव को टालने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। प्रशासन की ओर से जल्द ही इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट जारी किए जाने की संभावना है।
घर पर हुई थी छापेमारी
बता दे की पटना के बिल्डर से रंगदारी मांगने के मामले में बीते दिनों विधायक के घर पर पुलिस की भारी टीम ने छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान उनके घर से नकद राशि और कई बैंक चेक बरामद किए गए थे। इस कार्रवाई के बाद विधायक ने सरकार पर उन्हें बदनाम करने और राजनीतिक साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाया था।
विधायक का पक्ष और आरोप
रीतलाल यादव ने कहा कि यह सारा मामला उन्हें आगामी चुनाव में हराने की एक सोची-समझी चाल है। उन्होंने इसे सत्ता पक्ष की रणनीति बताया और कहा कि वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और सच्चाई सामने लाएंगे।
प्रशासन की चुप्पी
हालांकि इस पूरे घटनाक्रम पर जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई विस्तृत प्रेस विज्ञप्ति नहीं आई है। न ही यह स्पष्ट किया गया है कि ट्रांसफर किस विशेष आधार पर किया गया और क्या जेल के भीतर किसी प्रकार की विशेष गतिविधि को लेकर यह निर्णय लिया गया।
राजनीतिक हलकों में चर्चा
इस मामले को लेकर बिहार की राजनीति में चर्चा तेज हो गई है। राजद समर्थकों का कहना है कि यह एक राजनीतिक षड्यंत्र है, वहीं विपक्षी दल इसे कानून का पालन बताते हुए प्रशासन की कार्रवाई को उचित ठहरा रहे हैं।
आगे की कार्रवाई पर नजर
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि पुलिस की जांच में क्या नया खुलासा होता है और भागलपुर जेल में रहने के दौरान विधायक रीतलाल यादव और उनके सहयोगियों की क्या स्थिति रहती है।

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