शेखपुरा में गांव के दो पक्षों में हिंसक झड़प, जमकर हुई मारपीट, महिला समेत 6 लोग घायल
शेखपुरा। शेखपुरा जिले के अरियरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रौंदी गांव में मंगलवार को दो पक्षों के बीच विवाद इस कदर बढ़ गया कि मामला हिंसक झड़प में तब्दील हो गया। देखते ही देखते दोनों ओर से लाठी-डंडे, कुदाल और लोहे की रॉड चलने लगे। इस घटना में महिला समेत छह लोग घायल हो गए, जिनमें दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना के बाद गांव में अफरातफरी और तनाव का माहौल फैल गया।
घायलों की पहचान और स्थिति
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार घायल व्यक्तियों में एक पक्ष से संतोष महतो (50), उनकी पत्नी मंजू देवी, और उनके दोनों बेटे राहुल कुमार और रंजन कुमार शामिल हैं। वहीं दूसरे पक्ष से बनवारी महतो और उनकी पत्नी कलावती देवी घायल हुए हैं। सभी घायलों को इलाज के लिए शेखपुरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने मंजू देवी और रंजन कुमार की हालत चिंताजनक बताई है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए अन्यत्र रेफर किए जाने की संभावना है।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई
घटना के बारे में जानकारी देते हुए घायल मंजू देवी ने बताया कि वह अपने घर में बच्चों को डांट रही थीं। इसी दौरान पास में रहने वाली कलावती देवी को यह भ्रम हुआ कि मंजू उन्हें गाली दे रही हैं। इस पर कलावती देवी ने भी गाली-गलौज शुरू कर दी। जब मंजू देवी ने उन्हें ऐसा न करने की सलाह दी, तो मामला बढ़ गया और बनवारी महतो के दो दामाद अपने साथियों के साथ पहुंचकर मंजू देवी और उनके परिवार पर कुदाल और लोहे की रॉड से हमला कर दिए। देखते ही देखते पूरा मामला हिंसक झड़प में तब्दील हो गया।
भूमि विवाद की पृष्ठभूमि
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस झगड़े की जड़ में वर्षों पुराना भूमि विवाद है। दोनों परिवारों के बीच खेत की मेड़ को लेकर पहले भी कई बार विवाद हो चुका है, लेकिन इस बार मामला हिंसक रूप ले बैठा। गांव के कई लोगों ने बताया कि दोनों पक्षों में पहले से ही तनाव का माहौल था और किसी छोटे से बहाने की देर थी।
पुलिस की प्रतिक्रिया और कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही अरियरी थाना अध्यक्ष और पुलिस निरीक्षक कौशलेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने बताया कि मामले में अभी तक किसी पक्ष ने लिखित शिकायत नहीं दी है, लेकिन शिकायत मिलते ही कार्रवाई की जाएगी। घटनास्थल की जांच की जा रही है और पुलिस गांव में सतर्कता बरत रही है ताकि दोबारा कोई अप्रिय घटना न हो।
स्थानीय लोगों में डर और नाराजगी
घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल बन गया है। लोग डरे हुए हैं और किसी अनहोनी की आशंका से सहमे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को पहले से ही इस भूमि विवाद की जानकारी थी, फिर भी कोई ठोस पहल नहीं की गई। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। रौंदी गांव में हुई यह हिंसक झड़प एक बार फिर साबित करती है कि छोटे विवाद भी यदि समय रहते न सुलझाए जाएं तो वह बड़ी घटनाओं में तब्दील हो सकते हैं। पुलिस प्रशासन को चाहिए कि गांवों में भूमि विवाद जैसे मसलों को प्राथमिकता से निपटाए, ताकि सामाजिक सौहार्द बना रहे और निर्दोष लोग इस तरह की हिंसा का शिकार न बनें।


