पीएम के बिहार दौरे पर आरजेडी का सवाल, कहा- अभी राजनीति नहीं, आतंकवाद पर जवाब दें

पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे को लेकर राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। विशेषकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने इस दौरे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने प्रधानमंत्री पर भावनात्मक मुद्दों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
पहलगाम हमले पर दुख और नाराजगी
आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों की चिता की आग अभी ठंडी नहीं हुई है। ऐसे समय में प्रधानमंत्री का राजनीतिक दौरा करना देश की भावनाओं का अपमान है। उन्होंने कहा कि पूरा देश इस समय शोक में है और लोग आतंकवाद को लेकर चिंतित और नाराज़ हैं। ऐसे माहौल में किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधि उचित नहीं मानी जा सकती।
सुरक्षा में चूक पर मांगा जवाब
मृत्युंजय तिवारी ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि आखिर ऐसी कौन सी चूक हुई, जिसके कारण पहलगाम जैसे संवेदनशील पर्यटन स्थल पर आतंकियों ने हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर स्पष्ट और जिम्मेदार जवाब देना चाहिए। देश के लोग जानना चाहते हैं कि आखिर सुरक्षा एजेंसियों की विफलता क्यों हुई और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
बिहार चुनाव को लेकर पीएम का दौरा
आरजेडी प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री के दौरे को आगामी बिहार चुनावों से जोड़ते हुए कहा कि अब चूंकि राज्य में चुनाव होने हैं, इसलिए प्रधानमंत्री को बिहार की चिंता हो रही है। उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री इस मौके पर कोई राजनीतिक भाषण न दें और जनता के सामने केवल सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने की नीति पर बात करें।
आतंकवाद पर एकजुटता की बात
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है और विपक्ष भी सरकार के हर ठोस फैसले का समर्थन करेगा। लेकिन यह लड़ाई केवल भाषणों से नहीं जीती जा सकती, इसके लिए सख्त कार्रवाई और गंभीरता से योजनाएं बनानी होंगी। उन्होंने कहा कि सरकार को केवल भावनात्मक बातें कर जनता की सहानुभूति बटोरने से बचना चाहिए और धरातल पर काम कर आतंकवाद का सफाया करना चाहिए। आरजेडी ने स्पष्ट किया है कि वे आतंकवाद के खिलाफ सरकार के साथ हैं, लेकिन राजनीतिक मंचों पर शोक और दुख के समय राजनीति करना उचित नहीं है। प्रधानमंत्री से उम्मीद जताई गई है कि वे देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और राजनीतिक लाभ से ऊपर उठकर सख्त कदम उठाएं।
