December 3, 2025

हजारीबाग से पटना लौट रही यात्रियों की बस हादसे का शिकार, महिला की मौत, कई घायल

पटना। पटना लौट रही एक सवारी बस बुधवार को बड़ा हादसे का शिकार हो गई। यह हादसा उस वक्त हुआ जब बस बाईपास स्थित पैजामा मोड़ के पास ट्रैफिक जाम से निकलने की कोशिश में साइड से गुजर रही थी। इसी दौरान अनियंत्रित होकर बस सड़क किनारे गड्ढे में पलट गई।
बस में सवार थे 45 यात्री
इस बस में कुल 45 यात्री सवार थे। ये सभी हजारीबाग से पटना की ओर लौट रहे थे। हादसे के तुरंत बाद बस में अफरातफरी मच गई। यात्रियों की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर दौड़े और राहत कार्य शुरू किया। स्थानीय लोगों के साथ जीरो माइल ट्रैफिक थाने की पुलिस ने शीशा तोड़कर यात्रियों को बाहर निकाला।
एक महिला की दर्दनाक मौत
हादसे में सबसे बड़ी क्षति बीएसएफ के रिटायर्ड इंस्पेक्टर जयप्रकाश ठाकुर की पत्नी आशा देवी की मौत के रूप में सामने आई। वह अपने पति के साथ एक शादी समारोह से लौट रही थीं। उन्हें हादसे में गंभीर चोटें आईं थीं। नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। यह घटना जयप्रकाश ठाकुर के परिवार के लिए गहरा सदमा बन गई।
हादसे का कारण और ड्राइवर की लापरवाही
रिटायर्ड इंस्पेक्टर जयप्रकाश ठाकुर ने बताया कि हादसा बस ड्राइवर की लापरवाही का नतीजा था। उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे पर जाम होने के कारण ड्राइवर ने बस को नीचे की ओर एक साइड वाली सड़क से निकालने की कोशिश की। जैसे ही बस नीचे की तरफ मुड़ी, वह असंतुलित हो गई और पलट गई। उनका कहना था कि अगर ड्राइवर सावधानी से काम लेता तो यह हादसा टल सकता था।
कई यात्री हुए घायल
इस हादसे में कई यात्रियों को चोटें आईं, हालांकि ज्यादातर को मामूली चोटें लगीं। घायलों को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। कुछ यात्रियों को हल्की अंदरूनी चोटें भी आई हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
ट्रैफिक जाम से बिगड़ी स्थिति
घटना के बाद बाईपास रोड पर घंटों तक यातायात बाधित रहा। दुर्घटना स्थल पर भीड़ इकट्ठा हो गई और ट्रैफिक पूरी तरह से थम गया। पुलिस ने बाद में मोर्चा संभाला और स्थिति को नियंत्रित किया। भारी वाहन और एंबुलेंस की आवाजाही में भी कठिनाई हुई।
बस संचालन और सुरक्षा पर उठे सवाल
यह हादसा एक बार फिर से बस संचालन और चालक की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करता है। जाम से बचने के लिए साइड से बस निकालना, यात्रियों की जान को जोखिम में डालना साबित हुआ। सवाल यह भी है कि क्या बस चालक प्रशिक्षित था और क्या बस की तकनीकी जांच समय पर हुई थी।
यात्री सुरक्षा को लेकर चिंता
इस तरह की घटनाएं यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कितना ध्यान रखा जा रहा है। समय रहते इस पर सख्ती न बरती गई तो ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे हादसों के बाद ड्राइवर और ट्रांसपोर्ट कंपनियों की जवाबदेही तय करे। यह दुर्घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि सिस्टम की लापरवाही का आईना है, जिससे सबक लेना जरूरी है।

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