December 3, 2025

भोजपुर में दर्दनाक हादसा, सोन नदी में डूबने से छात्र की मौत, लोगों का सड़क जाम

आरा। भोजपुर जिले के सहार थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है, जहां सोन नदी में डूबने से एक 14 वर्षीय छात्र की मौत हो गई। यह घटना न केवल एक मासूम की जान ले गई, बल्कि स्थानीय लोगों के आक्रोश का कारण भी बनी। उन्होंने प्रशासन से मुआवजे की मांग करते हुए आरा-अरवल मुख्य मार्ग को घंटों जाम कर दिया।
पैर फिसलने से नदी में समा गया छात्र
मृतक छात्र की पहचान खैरा गांव निवासी मुकेश कुमार के पुत्र गुलशन कुमार के रूप में हुई है। गुलशन पांचवीं कक्षा का छात्र था और अपने चाचा संटू कुमार के साथ बालू घाट के पास शौच के लिए गया था। उसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में डूब गया। आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाया और परिजनों को सूचना दी। परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घंटों की मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाला गया।
परिवार में पसरा मातम
गुलशन की मौत से उसके परिवार में कोहराम मच गया है। मां कुसुम देवी और अन्य परिजन बेसुध हैं। गुलशन की उम्र छोटी थी और उसके सपनों की उड़ान अभी शुरू ही हुई थी। लेकिन एक छोटी सी लापरवाही और इलाके की अनदेखी हुई स्थिति ने उसका जीवन छीन लिया। पूरे गांव में शोक का माहौल है और हर आंख नम है।
अवैध खनन पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों ने इस घटना के पीछे इलाके में हो रहे अवैध बालू खनन को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि घाट पर अनियंत्रित खनन से नदी का किनारा असुरक्षित हो गया है, जिससे ऐसे हादसे बार-बार होते रहते हैं। लोगों का आरोप है कि प्रशासन को कई बार इस संबंध में सूचित किया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने आरा-अरवल रोड को जाम कर दिया और मुआवजे की मांग की।
प्रशासन की कार्रवाई और आश्वासन
घटना की सूचना मिलते ही सहार थाना प्रभारी दीपक कुमार और अंचलाधिकारी राकेश शर्मा मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाने-बुझाने की कोशिश की और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। प्रशासन ने शव को पोस्टमार्टम के लिए आरा सदर अस्पताल भेज दिया और कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई है।
जरूरत है सतर्कता और जवाबदेही की
यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि अवैध खनन और प्रशासन की लापरवाही कैसे मासूम जिंदगियों को लील रही है। नदियों के किनारे की सुरक्षा, अवैध गतिविधियों पर निगरानी और ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी आज भी गंभीर समस्या बनी हुई है। गुलशन जैसे नन्हें जीवन की मौत हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम अपने बच्चों के लिए एक सुरक्षित भविष्य बना पा रहे हैं।

You may have missed