सीतामढ़ी में एक परिवार के चार लोग बागमती नदी में डूबे, दो की मौत, एक लापता
सीतामढ़ी। बिहार के सीतामढ़ी जिले में शुक्रवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा घटित हुआ जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। यह हादसा सुप्पी थाना क्षेत्र के अख्ता घाट पर हुआ, जहां एक ही परिवार के चार लोग बागमती नदी में डूब गए। इस घटना में एक महिला और उसकी दो साल की बेटी की मौत हो गई, जबकि पांच साल की बेटी अब भी लापता है। महिला का पति किसी तरह तैरकर जान बचाने में सफल रहा, लेकिन उसने अपने सामने ही अपने परिवार को लहरों में समाते देखा।
नाव पर चढ़ने के दौरान हुआ हादसा
यह हादसा उस वक्त हुआ जब मृतका नाजमी खातून अपने पति और दोनों बेटियों के साथ नाव पर चढ़ने की कोशिश कर रही थी। पूरा परिवार गुरुवार को बैरगनिया के चकबा स्थित एक मजार पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर शुक्रवार सुबह बाइक से अपने घर सुप्पी लौट रहा था। अख्ता घाट पर पहुंचने पर उन्हें नदी पार करनी थी, जिसके लिए नाव का सहारा लिया गया। लेकिन जैसे ही नाव पर चढ़ने की कोशिश की गई, संतुलन बिगड़ गया और बाइक समेत पूरा परिवार नदी में जा गिरा।
स्थानीय लोगों की तत्परता से शुरू हुआ बचाव कार्य
घटना के बाद शोर सुनकर आसपास के लोग तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने नदी में डूबते परिवार को बचाने की कोशिश की। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से बचाव कार्य शुरू किया गया। नदी से नाजमी खातून और उसकी दो साल की बेटी नायरा खातून के शव बरामद कर लिए गए हैं। हालांकि पांच साल की तौसीर खातून अब तक लापता है और उसकी तलाश जारी है।
बच निकले पिता पर टूटा दुखों का पहाड़
इस हादसे में एकमात्र जीवित बचे सदस्य हैं मोहम्मद तौसीर, जो किसी तरह तैरकर नदी से बाहर निकल आए। लेकिन उनके लिए यह बचाव जीवनभर का बोझ बन गया है। उन्होंने अपनी पत्नी और एक बेटी को खो दिया, और दूसरी बेटी का कोई अता-पता नहीं है। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि तौसीर मानसिक रूप से टूट चुके हैं और उन्हें संभालने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
प्रशासन की भूमिका और आगे की कार्यवाही
पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने घटनास्थल पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है। लापता बच्ची की तलाश के लिए गोताखोरों की मदद ली जा रही है। प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता दिलाने का आश्वासन दिया गया है। वहीं, इस हादसे ने एक बार फिर नदी पार करने के जोखिमों और नावों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
नदी में लहरों के साथ बह गया सारा सुख
यह घटना न सिर्फ एक परिवार के लिए बल्कि पूरे इलाके के लिए एक गहरा सदमा है। बागमती नदी की लहरों में केवल तीन जानें नहीं गईं, बल्कि एक परिवार की खुशियों, भविष्य और सपनों का भी अंत हो गया। यह हादसा उन सभी लोगों के लिए चेतावनी है जो रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसे ही जोखिम भरे रास्तों से गुजरते हैं। जरूरी है कि प्रशासन इस दिशा में सख्त कदम उठाए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।


