पटना नगर निगम के कर्मचारियों की 20 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल, सड़कों पर लगेगा कूड़ा, लोग परेशान
पटना। पटना नगर निगम के करीब 5 हजार कर्मी 20 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले हैं। यह हड़ताल शहर की स्वच्छता व्यवस्था पर बड़ा असर डाल सकती है, खासकर बारिश के मौसम में जब पहले से ही नालियां और सड़कों की हालत खराब होती है।
हड़ताल की तैयारी और रणनीति
नगर निगम कर्मचारी हड़ताल पर जाने से पहले एक अहम बैठक करेंगे, जिसमें उनकी रणनीति तय की जाएगी। बिहार लोकल बॉडीज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता जितेंद्र कुमार ने बताया कि कर्मचारियों की यह हड़ताल कई वर्षों से लंबित मांगों को लेकर है, जिन्हें अब तक सरकार द्वारा पूरा नहीं किया गया है।
मुख्य मांगें क्या हैं
हड़ताल पर जाने वाले कर्मियों की मुख्य मांगों में दैनिक मजदूरों का स्थायीकरण, आउटसोर्स सिस्टम को समाप्त कर उन कर्मियों को नगर निकाय का कर्मचारी बनाने, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप समाप्त किए गए पदों की बहाली, 26 हजार न्यूनतम मासिक वेतन, अनुकंपा पर नियुक्ति, और सातवां वेतनमान लागू करना शामिल है।
स्वास्थ्य संकट की आशंका
इस हड़ताल से शहर में कूड़ा-कचरा उठाने का काम पूरी तरह ठप हो जाएगा। ऐसे में शहर की सड़कों और गलियों में गंदगी का अंबार लगने की संभावना है, जो डेंगू, मलेरिया और अन्य मौसमी बीमारियों के फैलाव का कारण बन सकता है। बारिश के मौसम में जब नालों की सफाई सबसे जरूरी होती है, उस समय यह हड़ताल आम लोगों के लिए गंभीर संकट बन सकती है।
मजदूरों के हालात और सुरक्षा मुद्दे
जितेंद्र कुमार ने यह भी आरोप लगाया कि सफाई कर्मियों को बिना ऑक्सीजन किट और अन्य सुरक्षा उपकरण दिए भूमिगत नालों में उतारा जाता है। इससे दुर्घटनाएं और मौतें होती हैं, जो पूरी तरह से मानवाधिकार उल्लंघन के दायरे में आता है। उन्होंने कहा कि मजदूरों की सुरक्षा की पूरी अनदेखी हो रही है, जो प्रशासन की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।
राष्ट्रीय श्रमिक हड़ताल को समर्थन
नगर निगम के कर्मचारी केंद्र सरकार द्वारा पुराने श्रम कानूनों को समाप्त कर चार नए श्रम कोड लागू करने के विरोध में भी हड़ताल में शामिल होंगे। यह हड़ताल राष्ट्रव्यापी केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर की जा रही है, जिसे स्थानीय निकायों के कर्मियों ने भी समर्थन देने की घोषणा की है।
प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती
नगर निगम कर्मियों की यह हड़ताल न केवल नगर प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है, बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य और स्वच्छता से भी जुड़ा गंभीर मुद्दा है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाती है, ताकि हड़ताल टाली जा सके और शहर की साफ-सफाई व्यवस्था प्रभावित न हो।


