December 3, 2025

जमुई में युवक की हत्या, वारदात के बाद जंगल में फेंकी लाश, लोगों का सड़क जाम

जमुई। बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड अंतर्गत पाठकचक जंगल के समीप एक युवक की लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है। मृतक की पहचान मुकेश पंडा के रूप में हुई है, जो सत्यनारायण पंडा का पुत्र था। मुकेश के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसकी निर्मम हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया गया।
गायब होने के बाद मिली लाश
परिजनों के अनुसार, मुकेश मंगलवार को दोपहर लगभग दो बजे घर से बाहर निकला था, लेकिन उसके बाद वह वापस नहीं लौटा। जब पूरी रात वह घर नहीं आया, तो परिजन चिंतित हो उठे। बुधवार सुबह जब लोगों ने जंगल के जीरो फॉल इलाके में युवक की लाश देखी, तो इसकी सूचना तत्काल पुलिस और परिजनों को दी गई।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
मामले की सूचना मिलते ही सिकंदरा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। इसके बाद जमुई सदर एसडीपीओ सतीश सुमन भी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की बारीकी से जांच में जुट गए। साथ ही एफएसएल की टीम को भी मौके पर बुलाया गया, जिन्होंने घटनास्थल से सबूत एकत्र किए हैं।
ग्रामीणों और परिजनों का विरोध प्रदर्शन
घटना के बाद मृतक के परिजन और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। गुस्साए लोगों ने युवक के शव को जमुई-सिकंदरा मुख्य मार्ग पर रखकर सड़क जाम कर दिया। लोगों का कहना है कि जब तक पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करती, तब तक वे सड़क से नहीं हटेंगे। परिजन स्पष्ट रूप से इसे सुनियोजित हत्या बता रहे हैं और प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे हैं।
एसडीपीओ का बयान और जांच की स्थिति
जमुई सदर एसडीपीओ सतीश सुमन ने जानकारी देते हुए बताया कि मृतक की पहचान कर ली गई है और घटना के हर पहलू की गंभीरता से जांच की जा रही है। एफएसएल द्वारा जुटाए गए सबूतों के आधार पर कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि परिजनों की आशंका को ध्यान में रखते हुए हत्या के एंगल से जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
सामाजिक और प्रशासनिक असर
यह घटना न केवल एक परिवार को दुख में डुबो गई है, बल्कि इलाके में भय और असुरक्षा का माहौल भी बना दिया है। ग्रामीणों का सड़क जाम करना यह दर्शाता है कि वे प्रशासन से त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की अपेक्षा कर रहे हैं। मुकेश पंडा की रहस्यमयी मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हत्या की आशंका को देखते हुए पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि वह सटीक और निष्पक्ष जांच कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाए। साथ ही प्रशासन को चाहिए कि जनता का भरोसा कायम रखने के लिए पारदर्शी ढंग से इस मामले की जांच कर दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे।

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