समस्तीपुर में एक साथ चार बच्चे गायब, मचा हड़कंप, मानव तस्करी की आशंका

समस्तीपुर। बिहार के समस्तीपुर जिले से एक चिंताजनक खबर सामने आई है, जहां एक ही गांव के चार बच्चे रहस्यमय ढंग से गायब हो गए हैं। इस घटना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है और परिजनों के साथ-साथ गांव के लोग भी काफी परेशान हैं। बच्चों के लापता होने की सूचना मिलते ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
एडमिशन के बहाने निकले थे घर से
बताया जा रहा है कि ये चारों बच्चे 3 अप्रैल को अपने-अपने घरों से यह कहकर निकले थे कि वे नौवीं कक्षा में नामांकन करवाने जा रहे हैं। सभी बच्चे सिरसिया गांव के रहने वाले हैं और बिभूतिपुर थाना क्षेत्र में पड़ते हैं। ये बच्चे मध्य विद्यालय सिरसी में आठवीं कक्षा तक पढ़ चुके हैं और लड्डू लाल हाई स्कूल सिरसी में नामांकन लेने की योजना बना रहे थे।
गायब बच्चों की पहचान
लापता बच्चों में ब्रह्मदेव रावत का बेटा नैतिक राज, संजय दास का बेटा सचिन कुमार, सुरेश यादव का बेटा मुकेश कुमार और कमलेश दास का बेटा शिवम कुमार शामिल हैं। चारों ही एक-दूसरे के मित्र हैं और एक साथ स्कूल जाया करते थे। जब देर शाम तक बच्चे घर नहीं लौटे, तो परिजनों ने खुद से उनकी तलाश शुरू की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल पाया।
मानव तस्करी की आशंका
चूंकि सभी बच्चे एक साथ गायब हुए हैं और उनका अब तक कोई पता नहीं चल पाया है, ऐसे में परिजनों को आशंका है कि कहीं वे मानव तस्करी का शिकार तो नहीं हो गए हैं। बच्चों के लापता होने के दो दिन बाद, यानी 5 अप्रैल को परिजनों ने बिभूतिपुर थाने में जाकर गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई।
परिजनों का दर्द और अपील
लापता छात्र नैतिक राज के पिता ब्रह्मदेव रावत ने बताया कि वह 3 अप्रैल की शाम से ही अपने बेटे को ढूंढ रहे हैं, लेकिन कहीं से कोई जानकारी नहीं मिल रही। वहीं, शिवम कुमार के दादा महेंद्र दास का कहना है कि उनका पोता इकलौता है और वह सिर्फ एडमिशन के लिए घर से निकला था। अब परिवार में सभी लोग काफी चिंतित हैं और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
पुलिस जांच में जुटी, इलाके में तलाशी तेज
पुलिस ने शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सिरसिया गांव और आसपास के इलाकों में पूछताछ की जा रही है। साथ ही जिले के अन्य थानों में भी बच्चों की तस्वीरें भेजी गई हैं ताकि कहीं से कोई जानकारी मिल सके। पुलिस का कहना है कि सभी संभावित पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है। इस घटना ने ना सिर्फ परिजनों बल्कि पूरे गांव को चिंता में डाल दिया है। सभी को उम्मीद है कि बच्चे जल्द ही सकुशल वापस लौटें।
