November 18, 2025

वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश, नीतीश और नायडू सरकार के साथ, 8 घंटे होगी चर्चा

नई दिल्ली। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पेश किया। इस विधेयक को लेकर संसद में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। स्पीकर ओम बिरला ने इस बिल पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया है, जिसमें एनडीए को 4 घंटे 40 मिनट और विपक्ष को शेष समय दिया गया है।
विधेयक को लेकर समर्थन और विरोध
इस विधेयक को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच स्पष्ट मतभेद देखने को मिल रहे हैं। **एनडीए सरकार को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) का समर्थन प्राप्त है**। इन दोनों दलों ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है। दूसरी ओर, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, बीजू जनता दल और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) जैसे दलों ने इस विधेयक का विरोध किया है। इंडिया ब्लॉक के घटक दलों ने बिल के विरोध में संसद में बैठक की और चर्चा का समय बढ़ाकर 12 घंटे करने की मांग रखी। किरेन रिजिजू ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार चर्चा का समय बढ़ाने पर विचार कर सकती है, ताकि सभी दलों का पक्ष सामने आ सके।
विधेयक के विरोध में विपक्ष का प्रदर्शन
विपक्ष के सांसद इस विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे और रिजेक्ट वक्फ बिल’ लिखी तख्ती दिखाकर विरोध जताया। विपक्ष का कहना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों को प्रभावित कर सकता है।
उत्तर प्रदेश में पुलिस अलर्ट, भोपाल में समर्थन
इस विधेयक को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं, जिससे साफ संकेत मिलता है कि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर प्रशासन सतर्क है। वहीं, भोपाल में मुस्लिम महिलाओं ने इस विधेयक का समर्थन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। महिलाओं का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों को खत्म करने और पारदर्शिता लाने में मदद करेगा।
सरकार का पक्ष
सरकार का दावा है कि इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाना और विवादों को कम करना है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि देश यह जानना चाहता है कि इस मुद्दे पर कौन-सी पार्टी किस पक्ष में खड़ी है।
आगे क्या होगा?
विधेयक पर लोकसभा में चर्चा जारी है और इसके पास होने या अस्वीकार किए जाने को लेकर माहौल गर्म है। यह देखना दिलचस्प होगा कि चर्चा के दौरान विपक्ष और सरकार अपने-अपने तर्कों को किस तरह पेश करते हैं और अंततः संसद इस विधेयक पर क्या निर्णय लेती है।
कैबिनेट ने फरवरी में बिल को मंजूरी दी
कैबिनेट ने 19 फरवरी को वक्फ संशोधन बिल को मंजूरी दी थी। बिल पर बनी जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) की रिपोर्ट के आधार पर वक्फ बिल का नया ड्राफ्ट तैयार किया गया है। बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट बजट सत्र के पहले फेज में 13 फरवरी को संसद में पेश हुई थी। कमेटी ने 30 जनवरी को 655 पन्नों रिपोर्ट स्पीकर ओम बिरला को सौंपी थी। इस दौरान जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे सहित अन्य भाजपा सांसद मौजूद रहे थे। हालांकि, विपक्ष का कोई सांसद नजर नहीं आया था।
विपक्षी सांसदों ने रिपोर्ट का विरोध किया था
कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने रिपोर्ट पर आपत्ति जताई थी। 16 सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में, जबकि 11 ने विरोध में वोट डाला। बाकी सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था- 655 पन्नों की रिपोर्ट एक रात में पढ़ना असंभव था। मैंने रिपोर्ट पर असहमति जताई है। वहीं, जेपीसी सदस्य डीएमके सांसद ए राजा ने कहा था कि भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने समिति की कार्यवाही अपनी मर्जी से चलाई। मुझे लगता है कि रिपोर्ट भी पहले से तैयार थी। यह बिल पास हो जाता है तो हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

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