पटना में 13 अप्रैल को ‘हम’ की कार्यकारिणी की बैठक, चुनाव की तैयारियों पर मंथन करेंगे मांझी

पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां जोरों पर हैं। सभी प्रमुख पार्टियां अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटी हुई हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) भी अपनी चुनावी तैयारियों को गति देने जा रहा है। पार्टी ने 13 अप्रैल को पटना में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस बैठक में चुनावी रणनीति को लेकर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।
पटना में होगा अहम राजनीतिक जमावड़ा
हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण ने जानकारी दी कि यह बैठक पटना स्थित पार्टी कार्यालय, 12M स्ट्रैण्ड रोड पर आयोजित की जाएगी। इस बैठक में पार्टी के प्रमुख नेता और पदाधिकारी शामिल होंगे। पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी, राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार सुमन, पार्टी के सभी विधायक और वरिष्ठ पदाधिकारी इस बैठक में भाग लेंगे। बैठक के दौरान आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की भूमिका और चुनावी एजेंडा तय किया जाएगा।
एनडीए में हम की स्थिति पर रहेगा सबका ध्यान
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा बिहार में एनडीए का एक प्रमुख घटक दल है। 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने कुल चार सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद संतोष कुमार सुमन को राज्य सरकार में मंत्री पद दिया गया था। हालांकि, 2023 में उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद पार्टी की स्थिति को लेकर सवाल खड़े होने लगे। अब यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसमें यह तय किया जाएगा कि आगामी चुनाव में पार्टी कितनी सीटों पर लड़ेगी और एनडीए में उसकी भूमिका क्या होगी।
हम पार्टी का गठन और चुनावी सफर
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) का गठन 8 मई 2015 को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने किया था। पार्टी के गठन के दो महीने बाद ही इसे चुनाव आयोग की आधिकारिक मान्यता मिल गई थी। पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘कड़ाही’ है, जिसे पहचान के रूप में स्थापित किया गया है। अपने गठन के बाद से ही हम बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाती आ रही है।
जातीय समीकरणों और गठबंधन की राजनीति पर नजर
बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण और गठबंधन की स्थिति लगातार बदल रही है। ऐसे में हम पार्टी की भूमिका कितनी अहम होगी, यह चुनावी रणनीति पर निर्भर करेगा। बैठक में इस बात पर चर्चा की जाएगी कि पार्टी किन मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगी और कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
राजनीतिक समीकरण और भविष्य की संभावनाएं
इस बैठक से स्पष्ट हो सकता है कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा बिहार में अपनी पकड़ को और मजबूत करने के लिए किस तरह की रणनीति अपनाएगी। पार्टी का एनडीए में कितना प्रभाव रहेगा और आगामी चुनाव में उसे कितनी सीटें मिलेंगी, यह बैठक के बाद ही स्पष्ट होगा। इसलिए, इस बैठक को बिहार की राजनीति के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह तय करेगा कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा आगामी चुनावों में किस रणनीति के साथ मैदान में उतरेगा।

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