November 17, 2025

मसौढ़ी में ई-रिक्शा की कमान नाबालिगों के हाथों में, दुर्घटनाओं की बढ़ी संख्या, प्रशासन मौन

मसौढ़ी। मसौढ़ी शहर में ई-रिक्शा चालकों द्वारा नियमों की अनदेखी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। बिना लाइसेंस और उचित प्रशिक्षण के नाबालिग चालक तेज रफ्तार में ई-रिक्शा दौड़ा रहे हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। यातायात नियमों को ताक पर रखकर चलाए जा रहे ये ई-रिक्शा न केवल आम जनता के लिए खतरा बने हुए हैं, बल्कि स्वयं चालकों के लिए भी जोखिमपूर्ण हैं।
बिना लाइसेंस वाहन चलाने की प्रवृत्ति
शहर में अधिकतर ई-रिक्शा नाबालिगों द्वारा चलाए जा रहे हैं। ये चालक बिना किसी अनुमति या लाइसेंस के सड़कों पर फर्राटा भरते नजर आते हैं। यातायात पुलिस और प्रशासन की उदासीनता के चलते यह समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। कई बार यह देखा गया है कि ई-रिक्शा चालक लापरवाही से वाहन चलाते हैं, अचानक मोड़ काटते हैं, बिना इंडिकेटर के दिशा बदलते हैं और अनायास ब्रेक लगाकर दुर्घटनाओं को आमंत्रित करते हैं।
स्कूली बच्चों की सुरक्षा पर मंडराता खतरा
ई-रिक्शा का उपयोग केवल यात्रियों को ढोने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्कूली बच्चों के परिवहन के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। कई नाबालिग चालक छोटे बच्चों को स्कूल ले जाने और वापस घर पहुंचाने का काम कर रहे हैं, जिससे बच्चों की सुरक्षा पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। बिना किसी सुरक्षा मानकों का पालन किए, ये चालक तेज रफ्तार में बच्चों से भरे वाहन को चलाते हैं, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
अत्यधिक रफ्तार और हल्के वाहन की समस्या
ई-रिक्शा का निर्माण हल्की बैटरी और साधारण ढांचे के साथ किया जाता है, जिससे यह अधिक भार सहन करने में असमर्थ होता है। इसके बावजूद, नाबालिग चालक तेज रफ्तार में इन्हें सड़कों पर दौड़ा रहे हैं। निर्धारित गति सीमा 30 किलोमीटर प्रति घंटा होने के बावजूद कई चालक इसे अनियंत्रित गति से चलाते हैं। सड़क पर छोटे गड्ढों या असंतुलित मार्गों पर तेज रफ्तार से चलने के कारण कई बार यह वाहन पलट जाता है, जिससे यात्रियों की जान पर संकट आ जाता है।
हालिया दुर्घटनाएं और प्रशासन की निष्क्रियता
पिछले सप्ताह धनीचक मोड़ के पास एक नाबालिग चालक के तेज रफ्तार से ई-रिक्शा घुमाने के कारण वाहन पलट गया, जिसमें दो लोग घायल हो गए। इसके अलावा, शहर में इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इसके बावजूद प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। पुलिस द्वारा अभी तक इस समस्या पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन केवल किसी बड़ी दुर्घटना के होने के बाद ही कार्रवाई करेगा।
जरूरी कदम और समाधान
इस समस्या से निपटने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। नाबालिगों को ई-रिक्शा चलाने से रोकने के लिए सख्त नियम लागू किए जाने चाहिए। बिना लाइसेंस और उचित प्रशिक्षण के किसी को भी ई-रिक्शा चलाने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। यातायात पुलिस को नियमित जांच अभियान चलाकर नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाना चाहिए। साथ ही, स्कूल प्रशासन को भी सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके विद्यार्थियों के परिवहन के लिए केवल अधिकृत और सुरक्षित वाहन ही उपयोग किए जाएं। यदि प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो यह लापरवाही किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकती है। अब समय आ गया है कि इस समस्या को गंभीरता से लिया जाए और उचित कदम उठाए जाएं, ताकि लोगों की जान सुरक्षित रह सके।

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