November 17, 2025

पटना में भवन निर्माण के मुख्य अभियंता के निवास पर ईडी की छापेमारी, संजीव हंस मामले में करवाई

पटना। पटना में भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता तारिणी दास के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार सुबह छापेमारी की। यह कार्रवाई एक बड़े भ्रष्टाचार मामले से जुड़ी बताई जा रही है, जिसमें संजीव हंस नामक आईएएस अधिकारी का नाम पहले ही सामने आ चुका है। इस छापेमारी के बाद पटना सहित पूरे बिहार में हड़कंप मच गया है।
कई ठिकानों पर छापेमारी जारी
ईडी की टीम सुबह से ही पटना के फुलवारी शरीफ थाना क्षेत्र स्थित पूर्णेंदु नगर में मुख्य अभियंता तारिणी दास के आवास पर जांच कर रही है। जांच टीम कई गाड़ियों में सवार होकर वहां पहुंची और घर के अंदर तलाशी शुरू कर दी। गेट को बंद कर सघन जांच की जा रही है। इसके अलावा, उनके कई रिश्तेदारों के ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है।
संजीव हंस मामले से जुड़ा कनेक्शन
सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी संजीव हंस घोटाले से जुड़ी है। इस मामले में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं की बात सामने आई थी। जांच एजेंसियों को संदेह है कि भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता तारिणी दास का भी इस घोटाले से सीधा संबंध हो सकता है। ईडी की टीम अभी भी मौके पर मौजूद है और अभियंता से पूछताछ कर रही है।
करोड़ों की संपत्ति और दस्तावेज जब्त
ईडी ने इस छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपये की नकदी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। इसके अलावा, कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की भी जांच की जा रही है ताकि मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े और सबूत जुटाए जा सकें। जांचकर्ताओं को संदेह है कि यह भ्रष्टाचार पिछले कई वर्षों से चल रहा था और इसमें कई सरकारी अधिकारी, इंजीनियर और कारोबारी शामिल हो सकते हैं।
हाई प्रोफाइल कारोबारी रिशु श्री का नाम आया सामने
इस छापेमारी के दौरान पटना के चर्चित हाई प्रोफाइल कारोबारी रिशु श्री से जुड़े लोगों और उनके ठिकानों पर भी छानबीन की गई है। रिशु श्री पहले भी कई बार संदिग्ध वित्तीय लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में चर्चा में रहे हैं। अब यह जांच सामने आने के बाद उनके कारोबार और संपर्कों की भी गहन पड़ताल की जा रही है।
भ्रष्टाचार के दलदल में डूबे अधिकारी
ईडी की इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बिहार में सरकारी अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार गहराई तक फैला हुआ है। जांच एजेंसियों को कई ऐसे सरकारी अधिकारियों और इंजीनियरों के नाम मिले हैं, जो पिछले कुछ वर्षों से मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध संपत्ति जमा करने में लिप्त थे। इस कार्रवाई से यह उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही भ्रष्टाचार में लिप्त अन्य बड़े नामों का भी खुलासा हो सकता है।
आगे की जांच और संभावित गिरफ्तारियां
ईडी द्वारा की जा रही इस छापेमारी से यह संकेत मिल रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। जांच एजेंसी ने जब्त किए गए दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की गहन जांच शुरू कर दी है। यदि इन दस्तावेजों में कोई ठोस प्रमाण मिलता है, तो अभियंता तारिणी दास और उनके साथ जुड़े अन्य सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
बिहार में बड़े घोटाले की आशंका
इस पूरी जांच के दौरान यह आशंका जताई जा रही है कि यह मामला केवल एक अधिकारी या इंजीनियर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार कई अन्य उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों से भी जुड़े हो सकते हैं। इसलिए, जांच एजेंसियां इस मामले को गहराई से खंगाल रही हैं ताकि भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंचा जा सके। पटना में हुई इस छापेमारी ने बिहार की राजनीति और प्रशासनिक महकमों में हलचल मचा दी है। ईडी की इस कार्रवाई से सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों को उजागर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब देखना होगा कि जांच आगे क्या मोड़ लेती है और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।

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