November 17, 2025

पटना में शिक्षा मंत्री का घेराव करने वाले अभ्यर्थियों की मुश्किलें बढ़ी, 50 से अधिक पर एफआईआर

पटना। बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई-3) के अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। हाल ही में पटना में शिक्षा मंत्री सुनील सिंह का घेराव करने के मामले में 50 से अधिक अज्ञात अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह घटना विधानसभा के बाहर हुई, जहां प्रदर्शनकारियों ने मंत्री को घेर लिया और सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी करने की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी।
प्रदर्शन के दौरान बढ़ा तनाव
विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने जब शिक्षा मंत्री को देखा तो उन्होंने अचानक उन्हें घेर लिया। प्रदर्शनकारियों ने उनकी गाड़ी रोकने की कोशिश की और जोरदार नारेबाजी करने लगे। हालात बिगड़ते देख सुरक्षाकर्मियों ने मंत्री को वहां से सुरक्षित निकाला। इस दौरान मंत्री को तेज़ी से दौड़ते हुए भी देखा गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
इस घटना के बाद सचिवालय थाना में 50 से अधिक अज्ञात अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। सचिवालय थानाध्यक्ष संजीव कुमार ने बताया कि पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर रही है। प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया है कि इस तरह की घटनाओं में शामिल प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अभ्यर्थियों की मांग क्या है?
टीआरई-3 के अभ्यर्थी पिछले दो महीनों से गर्दनीबाग में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी प्रमुख मांग यह है कि जो अभ्यर्थी चयनित होने के बाद भी जॉइनिंग नहीं लेंगे, उनके खाली पदों को भरने के लिए सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी किया जाए। अभ्यर्थियों का कहना है कि करीब 10,000 से 15,000 ऐसे शिक्षक चयनित हुए हैं, जिनका नाम एक से अधिक स्थानों पर आया है, लेकिन वे सिर्फ एक ही स्थान पर जॉइनिंग करेंगे। ऐसे में बाकी सीटें खाली रह जाएंगी।
सरकार का रुख क्या है?
इस पूरे घटनाक्रम के बाद शिक्षा मंत्री सुनील सिंह ने कहा कि वे बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) को पत्र लिखकर इस मामले की समीक्षा करने का अनुरोध करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार बीपीएससी के निर्णय का सम्मान करेगी और आयोग जो भी फैसला लेगा, वही मान्य होगा।
आगे क्या होगा?
पटना पुलिस इस मामले में प्रदर्शनकारियों की पहचान करने में जुटी हुई है। प्रशासन की ओर से संकेत दिए गए हैं कि यदि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा होती है, तो और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अब देखना यह होगा कि सरकार अभ्यर्थियों की मांगों को मानती है या यह आंदोलन और लंबा खिंचता है।

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