एनडीए में सीट बंटवारे पर घमासान, मांझी बोले- 20 विधायक चाहिए तो 40 सीटों पर जरूर लड़ेंगे
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में सरगर्मी बढ़ गई है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं और पार्टी के संरक्षक जीतनराम मांझी ने एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर अपनी मांगें स्पष्ट कर दी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी 40 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है ताकि कम से कम 20 सीटों पर जीत हासिल कर सके।
40 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा
केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि बिहार और गया के विकास के लिए उनकी पार्टी को विधानसभा में मजबूत उपस्थिति दर्ज करानी होगी। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें 40 सीटें मिलती हैं, तो वे निश्चित रूप से 20 सीटों पर जीत दर्ज करेंगे। मांझी ने शेरघाटी विधानसभा सीट से हम उम्मीदवार के चुनाव लड़ने का भी संकेत दिया।
सरकार में प्रभाव बढ़ाने की रणनीति
मांझी का मानना है कि अगर उनकी पार्टी के 20 विधायक जीतकर विधानसभा में पहुंचते हैं, तो सरकार में उनकी बात को गंभीरता से सुना जाएगा। उन्होंने कहा कि भूमि, बंदोबस्ती, शिक्षा और जनहित से जुड़े अन्य मुद्दों को उनके विधायक विधानसभा में पुरजोर तरीके से उठाएंगे। उनका कहना है कि इससे गरीबों को फायदा मिलेगा और उनकी समस्याओं का समाधान आसानी से हो सकेगा।
शिक्षा को बताया विकास की कुंजी
सम्मेलन को संबोधित करते हुए मांझी ने शिक्षा को शेरनी का दूध बताते हुए कहा कि जो इसे ग्रहण करेगा, वही आगे बढ़ेगा। उन्होंने मुसहर समुदाय की साक्षरता दर को लेकर चिंता जताई, जो मात्र 7% है। उनका कहना था कि जब तक समाज में जागरूकता नहीं आएगी, तब तक विकास संभव नहीं है। उन्होंने राजनीति को चाबी और विकास को ताला बताते हुए कहा कि सही राजनीति के जरिए ही समाज की प्रगति संभव है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में बयान
नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर उठ रहे सवालों पर मांझी ने विरोध जताया। उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह के सवाल उठा रहे हैं, उनकी मानसिकता ठीक नहीं है। वहीं, राष्ट्रगान के अपमान के आरोपों को भी उन्होंने गलत बताया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पिछले 20 वर्षों से बिहार की सत्ता चला रहे हैं, ऐसे में उन पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप सरासर गलत है।
भाजपा के समर्थन में मांझी का रुख
मांझी ने वक्फ बोर्ड को लेकर भी अपना रुख स्पष्ट किया और कहा कि इस मामले में वह एनडीए के साथ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा पिछले 14 वर्षों से केंद्र की सत्ता में है, लेकिन इस दौरान कोई दंगा नहीं हुआ। उन्होंने तीन तलाक जैसी कुरीतियों को खत्म करने के लिए भाजपा सरकार की प्रशंसा की।
विरोध और बहिष्कार की निंदा
मांझी ने मुस्लिम संगठनों द्वारा नीतीश कुमार और चिराग पासवान के कार्यक्रम के बहिष्कार की अपील की निंदा की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान किया जाना चाहिए। इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर तनाव बना हुआ है। अब देखना यह होगा कि मांझी की पार्टी को उनकी मांग के अनुरूप कितनी सीटें मिलती हैं और आगे की राजनीतिक रणनीति क्या होगी।


