पूर्व सांसद का बड़ा दावा, आरके सिंह बोले- यहां शराबबंदी फेल, तुरंत वापस हो कानून
पटना। बिहार में लागू शराबबंदी कानून को लेकर लगातार विरोध के स्वर तेज होते जा रहे हैं। इस कानून की सफलता और प्रभाव को लेकर न केवल राजनीतिक दलों, बल्कि आम जनता के बीच भी बहस जारी है। अब इस मुद्दे पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने शराबबंदी को पूरी तरह विफल बताया और इसे तुरंत हटाने की मांग की।
आरके सिंह ने शराबबंदी को बताया असफल
पूर्व सांसद आरके सिंह ने बिहार सरकार की शराबबंदी नीति की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस कानून से कोई सकारात्मक बदलाव नहीं आया, बल्कि इसके कारण राज्य के युवा और अधिक प्रभावित हो रहे हैं। उनका कहना था कि शराबबंदी के बावजूद शराब की बिक्री और तस्करी बदस्तूर जारी है, जिससे अपराध भी बढ़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कानून के चलते युवा नशे के अन्य रूपों की ओर मुड़ गए हैं, जिसमें ड्रग्स और अफीम का सेवन प्रमुख है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ बयान
आरके सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वह बिहार सरकार की शराबबंदी नीति की आलोचना करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस कानून से सबसे ज्यादा नुकसान युवाओं को हो रहा है और पुलिस प्रशासन भी इसमें पूरी तरह लिप्त हो गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अब पुलिस और प्रशासन का ध्यान अपराध नियंत्रण से हटकर केवल शराब पकड़ने तक सीमित रह गया है। बिहार में शराबबंदी की असफलता पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कानून लागू होने के बावजूद शराब की उपलब्धता खत्म नहीं हुई, बल्कि अब यह चोरी-छिपे और महंगे दामों पर बेची जा रही है।
शराबबंदी हटाने की मांग तेज
बिहार में शराबबंदी हटाने की मांग पहले भी उठती रही है, लेकिन हाल के दिनों में यह मुद्दा और ज्यादा चर्चा में आ गया है। प्रशांत किशोर ने भी पहले कहा था कि यदि उनकी पार्टी जन सुराज की सरकार बनी तो वे एक घंटे के भीतर शराबबंदी कानून को समाप्त कर देंगे। अब बीजेपी नेता आरके सिंह का बयान इस मुद्दे को और गर्मा रहा है।
सरकार की चुनौती और जनता की प्रतिक्रिया
नीतीश कुमार सरकार ने बिहार में शराबबंदी कानून को कड़ाई से लागू करने का संकल्प लिया था, लेकिन इस कानून के प्रभाव को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि शराबबंदी से सामाजिक बुराइयों में कमी आई है, जबकि विपक्षी दल और कुछ नेता इसे विफल बताते हुए इसे हटाने की मांग कर रहे हैं। बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर यह बहस अभी जारी रहेगी। अब देखना होगा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और क्या वाकई इस कानून में कोई संशोधन किया जाता है या नहीं।


