पटना में सीएम के खिलाफ राजद ने लगाया पोस्टर, लिखा- सबका अपमान करने वाला खलनायक हूं मैं
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग के साथ-साथ पोस्टर वार भी तेज हो गया है। पटना की दीवारों पर राजनीतिक पार्टियों के समर्थकों द्वारा पोस्टर लगाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिद्वंद्वी नेताओं पर तंज कसे जा रहे हैं। इसी क्रम में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ एक पोस्टर जारी किया है, जिसमें उन्हें ‘खलनायक’ बताया गया है। यह पोस्टर पटना स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर लगाया गया है, जिसे जहानाबाद के मखदुमपुर से जिला पार्षद रह चुकीं आरजेडी नेत्री संजू कोहली ने जारी किया है।
पोस्टर में नीतीश कुमार पर लगाए गए आरोप
इस पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि उन्होंने महिलाओं, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और राष्ट्रगान का अपमान किया है। पोस्टर के जरिए आरजेडी ने जनता के बीच यह संदेश देने की कोशिश की है कि नीतीश कुमार का रवैया अपमानजनक और तानाशाहीपूर्ण है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह पोस्टर सीधे तौर पर जनता की भावनाओं को भुनाने और सत्ताधारी सरकार के खिलाफ माहौल तैयार करने के मकसद से जारी किया गया है।
लालू यादव के समर्थन में भी लगे थे पोस्टर
यह पहली बार नहीं है जब पटना की सड़कों पर इस तरह के पोस्टर लगाए गए हैं। इससे पहले आरजेडी कार्यकर्ताओं ने राबड़ी देवी के आवास समेत शहर के कई हिस्सों में अपने नेता लालू प्रसाद यादव के समर्थन में पोस्टर लगाए थे। इन पोस्टरों में लिखा गया था, “ना झुका हूं, ना झुकूंगा, टाइगर अभी जिंदा है।” आरजेडी के समर्थकों ने इस पोस्टर के जरिए यह दिखाने की कोशिश की कि लालू यादव अभी भी पार्टी और राजनीति में पूरी तरह सक्रिय हैं और वे अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे।
जेडीयू और बीजेपी ने किया पलटवार
आरजेडी के इस पोस्टर वार पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीखी प्रतिक्रिया दी। जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने लालू यादव को ‘जंगलराज का टाइगर’ करार दिया। उनका कहना था कि लालू यादव के शासनकाल को जनता जंगलराज के रूप में याद करती है, जहां कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब थी। वहीं, बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने पलटवार करते हुए कहा कि बिहार का असली टाइगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं, जिन्होंने राज्य को विकास की राह पर आगे बढ़ाया है।
बिहार में पोस्टर राजनीति का बढ़ता प्रभाव
बिहार की राजनीति में पोस्टर एक महत्वपूर्ण हथियार बन चुका है। विभिन्न दलों के नेता और कार्यकर्ता अपने विरोधियों पर निशाना साधने के लिए पोस्टरों का सहारा लेते हैं। पटना की सड़कों पर नजर आने वाले ये पोस्टर कई बार राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन जाते हैं। चुनावी माहौल में इन पोस्टरों का असर मतदाताओं पर पड़ता है, क्योंकि ये आम जनता के बीच एक खास संदेश पहुंचाने का काम करते हैं।
चुनावी वर्ष में पोस्टर वार का बढ़ना तय
इस साल बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिससे राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, वैसे-वैसे पोस्टर वार और तेज होने की संभावना है। विभिन्न राजनीतिक दल अपने विरोधियों पर निशाना साधने के लिए इस तरह के पोस्टरों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन पोस्टरों के माध्यम से जनता को लुभाने और विरोधियों पर निशाना साधने की रणनीति अपनाई जाएगी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी महीनों में बिहार की राजनीति में और कौन-कौन से नए पोस्टर सामने आते हैं।


