मुजफ्फरपुर में मैदान में क्रिकेट के विवाद में दो पक्षों में जमकर मारपीट, फायरिंग से इलाके में हड़कंप
मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में क्रिकेट खेलने को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। यह घटना बैरिया बस स्टैंड के पीछे स्थित मैदान में हुई, जहां युवकों के दो गुटों के बीच क्रिकेट खेलने को लेकर विवाद शुरू हुआ। इस विवाद ने इतना गंभीर रूप धारण कर लिया कि दोनों पक्षों के बीच मारपीट और फायरिंग तक हो गई। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। घटना तब शुरू हुई जब दोनों गुटों के युवक मैदान में क्रिकेट खेल रहे थे। विवाद के बाद दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई। इस दौरान लात-घूंसे और डंडे चले। कुछ लोगों ने पिस्तौल से फायरिंग भी की। स्थानीय लोगों ने हस्तक्षेप करके मामले को शांत कराया, लेकिन इस झड़प में दोनों पक्षों के कई लोग घायल हो गए। घटना के बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए। दोनों ने अहियापुर थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया। एक पक्ष की ओर से अनिता देवी ने आरोप लगाया कि उनके बेटे अभिजीत और उसके साथियों को छह नामजद आरोपितों ने गाली-गलौज करते हुए मारपीट की और फायरिंग भी की। उन्होंने यह भी कहा कि मामला शांत होने के बाद भी आरोपितों ने दोबारा हमला किया और उनके बेटे को जख्मी कर दिया। पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए एक आरोपित के पिता को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। थानेदार रोहन कुमार ने बताया कि क्रिकेट खेलने को लेकर हुए विवाद में मारपीट और फायरिंग की शिकायत मिली है। दोनों पक्षों ने एफआईआर के लिए आवेदन दिया है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस घटना ने स्थानीय लोगों को भी चिंता में डाल दिया है। उनका कहना है कि छोटे-छोटे विवादों को इतना हिंसक रूप नहीं लेना चाहिए। स्थानीय निवासियों ने पुलिस से मांग की है कि वह इस मामले में सख्त कार्रवाई करे और इलाके में शांति बहाल करे। मुजफ्फरपुर की यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि छोटे विवाद कैसे बड़ी हिंसा का रूप ले सकते हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और स्थानीय लोगों के सहयोग से मामले को शांत करने में मदद मिली है, लेकिन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सामाजिक जागरूकता और कानून-व्यवस्था की मजबूती जरूरी है।


