विधानसभा में हंगामा के बीच खड़े हुए सीएम, कहा- आप लोग मेरे खिलाफ खूब बोलिए, हम ताली बजाकर आपका स्वागत करेंगे
पटना। बिहार विधानमंडल के बजट सत्र का 11वां दिन काफी हंगामेदार रहा। विपक्षी विधायकों ने सदन में गरीब बच्चों के प्राइवेट स्कूलों में 25% नामांकन को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष का आरोप था कि शिक्षा के क्षेत्र में कई खामियां हैं और सरकार इस दिशा में ठीक से काम नहीं कर रही है। हंगामे के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद खड़े हुए और विपक्ष को खुलकर अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित किया।
विपक्ष का विरोध और स्पीकर की चेतावनी
सदन में जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी दलों के विधायक अपनी सीट छोड़कर वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। उन्होंने टेबल पीटना शुरू कर दिया, जिससे सदन में हंगामे की स्थिति पैदा हो गई। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि टेबल पलटने की कोशिश न करें, इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा। स्पीकर ने कैमरा मैन को निर्देश दिया कि वे हंगामा करने वाले विधायकों पर फोकस करें, ताकि उनकी गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जा सके और उन पर कार्रवाई की जा सके। इसके बावजूद, सदन में विरोध जारी रहा और माहौल गर्म होता चला गया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जवाब
इस हंगामे के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक खड़े हुए और उन्होंने विपक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि वे उनके खिलाफ खुलकर बोल सकते हैं, वह इस पर कोई आपत्ति नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “आप लोग मेरे खिलाफ जितना चाहें बोलिए, मैं ताली बजाकर आपका स्वागत करूंगा, लेकिन यदि कोई समस्या है तो उसे लिखकर दीजिए, हम तुरंत एक्शन लेंगे। मुख्यमंत्री के इस बयान से सदन में हलचल मच गई। उन्होंने शिक्षा मंत्री को भी निर्देश दिया कि वे इस मामले को गंभीरता से देखें और तत्काल समाधान निकालें। इसके साथ ही, उन्होंने विपक्ष की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सदन में ही संबंधित अधिकारियों तक कागजात भिजवा दिए और निर्देश दिया कि इस मुद्दे का समाधान किया जाए।
कमजोर वर्ग के लिए काम करने का दावा
नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार कमजोर वर्गों के लिए लगातार काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए कई योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि सरकार बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
बजट पर चर्चा और मतदान
सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी तो विभिन्न विभागों के बजट पर चर्चा शुरू हुई। इनमें पांच प्रमुख विभागों के बजट पर विशेष चर्चा हुई। सभी विभागों के बजट पर चर्चा के बाद मतदान कराया गया और इन्हें पास किया गया।
सदन में हंगामे के बावजूद समाधान की पहल
हालांकि विपक्ष ने पूरे सत्र के दौरान सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शांतिपूर्ण ढंग से उनकी बात सुनी और समाधान निकालने की पहल की। उन्होंने यह भी कहा कि यदि विपक्ष को किसी भी योजना या नीति से जुड़ी कोई समस्या है, तो वे लिखित में सुझाव दे सकते हैं और सरकार उन पर विचार करेगी।
विपक्ष का रुख और भविष्य की राजनीति
इस पूरे घटनाक्रम के बाद यह साफ हो गया कि बिहार में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है और सरकारी योजनाओं में खामियां उजागर कर रहा है, जबकि मुख्यमंत्री खुद आगे बढ़कर जवाब दे रहे हैं और समाधान का आश्वासन भी दे रहे हैं। आने वाले दिनों में देखना होगा कि विपक्ष सरकार पर और कितनी चुनौतियां पेश करता है और सरकार उन पर कैसे प्रतिक्रिया देती है। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में इस बजट सत्र ने एक नया मोड़ ला दिया है, जिसमें पक्ष और विपक्ष दोनों अपनी रणनीति को मजबूती से पेश कर रहे हैं।


