होली के बाद प्रदेश से बाहर जाने वालों की भीड़, स्टेशनों पर ट्रेनों के लिए मारामारी, लोग परेशान
पटना। होली का त्योहार बीतते ही अपने-अपने कामकाज और रोजगार की ओर लौटने वाले यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। खासतौर पर बिहार की राजधानी पटना से दिल्ली, मुंबई, पंजाब और अन्य बड़े शहरों की ओर जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है। हालत यह है कि यात्रियों को सामान्य डिब्बों में चढ़ने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
पटना जंक्शन पर भीड़ का आलम
पटना जंक्शन पर सोमवार को दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में अत्यधिक भीड़ देखी गई। यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। कई बार तो हालात इतने खराब हो गए कि लोग एक-दूसरे को धक्का देने लगे। इस अफरा-तफरी में कई यात्रियों के बैग और चप्पलें प्लेटफॉर्म पर ही गिर गईं, जिन्हें उनके परिजनों और अन्य यात्रियों ने उन्हें सौंपा।
तत्काल टिकट के लिए मारामारी
होली के बाद घर से लौट रहे लोगों की वजह से ट्रेनों में तत्काल टिकट के लिए भी काफी संघर्ष देखा गया। संपूर्णक्रांति, विक्रमशिला, पाटलिपुत्र-एलटीटी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में तत्काल टिकटों की भारी मांग रही। संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस में तत्काल टिकट के लिए वेटिंग लिस्ट 50 से भी अधिक हो गई थी।
जनरल कोच में चढ़ने के लिए अफरा-तफरी
पटना-कोटा एक्सप्रेस जब सोमवार को प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर आई, तो यात्रियों का हुजूम जनरल कोच में चढ़ने के लिए उमड़ पड़ा। स्थिति इतनी खराब थी कि कई यात्री इमरजेंसी खिड़कियों से कोच में घुसने की कोशिश करने लगे। लोग जहां से भी संभव हो सकता था, वहीं से ट्रेन में चढ़ने का प्रयास कर रहे थे।
सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बावजूद स्थिति बेकाबू
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और जीआरपी के जवान भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने महिला यात्रियों को महिला कोच में बैठाया और दिव्यांगों को उनके लिए निर्धारित कोच में भेजने का प्रयास किया। लेकिन इसके बावजूद प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में भीड़ कम नहीं हुई।
ट्रेन के आते ही भर जाते कोच
दिल्ली की ओर जाने वाली ट्रेनों के पटना जंक्शन पर प्लेटफॉर्म पर आते ही पांच से सात मिनट के भीतर जनरल और स्लीपर कोच पूरी तरह से भर जा रहे थे। यात्री किसी भी तरह ट्रेन में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जिससे कोच के दरवाजों पर भी भीड़ लग गई। कई यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर दिखे।
यात्रियों की परेशानी
होली के बाद अपने काम-धंधे पर लौटने की जद्दोजहद कर रहे यात्रियों के लिए यह सफर बेहद कठिन होता जा रहा है। सीट मिलना तो दूर, जनरल डिब्बों में खड़े होने की भी जगह नहीं मिल रही है। लोग घंटों तक ट्रेनों का इंतजार करने के बाद भी सही से यात्रा नहीं कर पा रहे हैं।
समाधान की जरूरत
हर साल त्योहारों के बाद ट्रेनों में भारी भीड़ की समस्या देखने को मिलती है, लेकिन इसके स्थायी समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। रेलवे को इस समस्या का समाधान निकालने के लिए अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे यात्रियों को कम परेशानी हो और वे सुरक्षित यात्रा कर सकें। त्योहारों के बाद ट्रेनों में बढ़ने वाली भीड़ से निपटने के लिए रेलवे को बेहतर प्रबंधन करने की जरूरत है। अधिक ट्रेनें चलाने और यात्रियों के लिए सुविधाओं को बढ़ाने से इस समस्या का समाधान संभव हो सकता है।


