November 17, 2025

विधान परिषद मे राबड़ी देवी पर भड़के नीतीश, कहा- उनके पति हटे तो इनको बना दिया, इन लोगों ने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया

पटना। बिहार विधान परिषद में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी की वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के बीच तीखी बहस देखने को मिली। इस दौरान नीतीश कुमार ने आरजेडी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उनके शासनकाल में महिलाओं और शिक्षा के क्षेत्र में कोई ठोस कार्य नहीं हुआ। दरअसल, सदन में जब एक प्रश्न पर चर्चा हो रही थी, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने आरजेडी की दो महिला विधान पार्षदों से तीखी बहस की और उनके तर्कों को खारिज कर दिया। इस दौरान उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने नीतीश कुमार को शांत करने का प्रयास किया और उन्हें बार-बार बैठने का संकेत भी दिया, लेकिन मुख्यमंत्री अपने बातों पर अड़े रहे। नीतीश कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी सरकार ने बिहार की महिलाओं के उत्थान के लिए कई ऐतिहासिक कार्य किए हैं। उन्होंने राबड़ी देवी की ओर इशारा करते हुए कहा, इनके हसबैंड हटे तो इनको बना दिया। इस बयान के माध्यम से उन्होंने यह इंगित करने का प्रयास किया कि राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री पद उत्तराधिकार के रूप में मिला था, न कि अपने किसी प्रशासनिक योगदान की वजह से। नीतीश कुमार ने आगे कहा कि महिलाओं की शिक्षा और उनके अधिकारों को लेकर आरजेडी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया था। उन्होंने दावा किया कि महिलाओं को शिक्षा, सुरक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता देने का काम उनकी सरकार ने किया है। उन्होंने महिलाओं की साक्षरता दर में हुई वृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि 2003 में बिहार में महिला साक्षरता दर मात्र 34% थी, जो 2023 में बढ़कर 74% हो गई। नीतीश कुमार ने आरजेडी की महिला विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग जिस पार्टी में हैं, उसने कभी महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने महिला नेताओं से यह भी सवाल किया कि आरजेडी ने अपने शासनकाल में महिलाओं के लिए कौन-कौन से ठोस कार्य किए। राज्य सरकार में मंत्री सुनील कुमार ने भी इस बहस में अपनी बात रखते हुए बताया कि महिलाओं की शिक्षा को लेकर एनडीए सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाईं, जिनके परिणामस्वरूप आज बिहार में महिला साक्षरता दर में बड़ा सुधार आया है। वहीं, मंत्री निवेदिता सिंह ने सदन में अपील की कि जब कोई मंत्री जवाब दे रहा हो, तो उसे ध्यान से सुना जाना चाहिए। इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि बिहार में राजनीतिक दलों के बीच महिलाओं और शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर गंभीर मतभेद हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह तर्क था कि उनकी सरकार ने महिलाओं के लिए ऐतिहासिक कार्य किए, जबकि आरजेडी ने अपने शासनकाल में इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। वहीं, विपक्ष ने भी अपनी दलीलें दीं, लेकिन नीतीश कुमार अपने तर्कों पर अडिग रहे। इस बहस ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर गर्मी ला दी है और आने वाले चुनावों में यह मुद्दा एक प्रमुख बहस का विषय बन सकता है।

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