November 17, 2025

बेऊर जेल सुपरिंटेंडेंट के पद पर पोस्टिंग नीतीश सरकार के लिए बनी चुनौती,डेढ़ माह से निलंबित है पुराने अधीक्षक,पोस्टिंग में विलंब क्यों?

पटना। बिहार के सबसे बड़े जेल आदर्श केंद्रीय कारा बेउर के लिए पिछले दो माह से गृह विभाग को कोई कारा अधीक्षक के पद पर तैनात करने के लिए ईमानदार तथा योग्य अधिकारी नहीं मिल रहा है। आदर्श केंद्रीय कारा बेउर जेल बिहार सरकार के गृह विभाग के अंदर आता है जिसकी नियम सम्मत संचालन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है यहां तक की न्यायपालिका भी राज्य के जिलों की दशा दिशा पर नजर बनाए रखती है। उल्लेखनीय है कि इस जेल के कर अधीक्षक विधु कुमार लगभग डेढ़ माह से निलंबित हैं। इसी वर्ष के आरंभ में बेउर जेल के निलंबित कारा अधीक्षक विधु कुमार  के विरुद्ध बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने छापामारी की थी तथा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में इन पर एफआईआर भी दर्ज किया गया था। जिसके बाद इन्हें विभागीय कार्रवाई के तहत निलंबित किया गया। बेऊर जेल बिहार सरकार के गृह विभाग के अंदर आता है तथा गृह विभाग विगत 20 वर्षों से सीएम नीतीश कुमार के पास ही रहता है। सीएम नीतीश कुमार के करीबी अधिकारी ही बेऊर जेल के कर अधीक्षक के पद पर स्थापित मानदंडों के तहत अधिकारियों को तैनात करते हैं। वर्तमान में अपर जिला दंडाधिकारी ( एडीएम ) पटना को देख रेख के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है। नीतीश सरकार के गृह विभाग को आदर्श केन्द्रीय कारा बेऊर के लिए ईमानदार व योग्य कारा अधीक्षक की तलाश है।लेकिन आजतक नहीं मिल सका है। जेल मैनुअल के अनुसार सेंट्रल जेलों में लेवल 13 के कारा अधीक्षक को पदस्थापित करने का प्रावधान है नहीं रहने पर लेवल 12 को मौक़ा दिया जा सकता है। हालाँकि सूबे में लेवल 13-12 के कई कारा अधीक्षक हैं जो जिला जेल चला रहे है। आदर्श केन्द्रीय कारा बेऊर में बाहुबली, कुख्यात से लेकर कई हाईटेक साइबर क्राइम से जुड़े क़ैदी हैं जो जेल में बैठे- बैठे ही बड़े घटनाओं को अंजाम दिलाने में कसर नहीं छोड़ सकते है। पूर्व में कई ऐसे घटनाएं सामने भी आयी है। जिसका तार बेऊर जेल में बंद क़ैदियों से जुड़े हैं।जिसकी जांच के लिए दूसरे राज्यों की पुलिस बेऊर जेल पूछताछ के लिए पहुंची है। आईबी एवं विशेष शाखा की भी रिपोर्ट भी कहती रही है की बेऊर जेल में मोबाइल घनघनाते रहता है। बेऊर जेल से अपराध के कई बड़े अंतर्राज्यीय नेटवर्क संचालित होते हैं। कई बड़े अपराधी अन्य राज्यों में बड़ी घटनाओं का अंजाम देने वाले कुख्यात लुटेरे बेऊर जेल में बंद है।जो फोन के माध्यम से जेल के अंदर से ही अपने गैंग को ऑपरेट करते हैं। इसलिए इस जेल में स्थायी तौर पर कारा अधीक्षक की नियुक्ति बेहद आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि 04 जनवरी को बेऊर जेल के कारा अधीक्षक विधु कुमार के ठिकाने पर ईओयू ने रेड किया तो भ्रष्टाचार के गंभीर मामले उजागर हुआ। आय से अधिक सम्पत्ति के साथ ही आपत्तिजनक सामान बरामद किया गया। भ्रष्टाचार का आरोपी अभियुक्त होने के बावजूद भी विधु कुमार दो सप्ताह तक बेऊर जेल के कारा अधीक्षक बनें रहे। बाद में जब मामले ने सुर्खियां बटोरी तब कारा अधीक्षक को विभागीय कार्रवाई के द्वारा निलंबित किया गया। फिलहाल प्रदेश के बेऊर जेल के कारा अधीक्षक पद पर अभी तक नई अफसर की पोस्टिंग को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज है। यहां तक की सचिवालय में भी बेऊर जेल सुपरिटेंडेंट पद पर पोस्टिंग को लेकर कई प्रकार के चर्चाएं आम हो गयी है।

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