PATNA : सिकंदरपुर गांव में श्रीमद् देवी भागवत नवाह कथा का आयोजन

बिहटा, (मोनु कुमार मिश्रा)। सिकंदरपुर गांव में श्रीमद् देवी भागवत नवाह कथा का आयोजन किया गया।देश के महान संत श्री-श्री 1008 माचा स्वामी जी महाराज के परम शिष्य श्री-श्री 1008 सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने कथा प्रारम्भ किया। शुरुआत में स्वामी जी महाराज ने कहा की भगवान के कथा के श्रवण से ऐसे तो अनेकों फायदे है। लेकिन इसमें सबसे बड़ी बात है की जो मनुष्य इस कथा का श्रवण करता है उसके जीवन से संशय व भय का नाश हो जाता है। इसका उसके जीवन में बड़ा लाभ होता है। उन्होंने कहा की कलियुग में इंसान कृत्रिम सुखों को सच्चा सुख जानकर अंधी दौड़ लगा रहा है। यही वजह है की सब कुछ हासिल करने के बावजूद इंसान दुखी है। सुख तो ईश्वर के चरणों में है और इंसान वहां का रास्ता ही भूल बैठा है। महाराज जी ने बताया की श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ महाभारत महाकाव्य से हुआ है। उन्होंने पांडव भाइयों द्वारा जुए में द्रौपदी की हार पर चर्चा करते हुए कहा की जब इंसान का इस मायावी दुनिया से विश्वास ख़त्म होता है। इस मोह भंग के बाद हमें ईश्वर का स्मरण होता है। अगर सच्चे मन से उसका नाम हम ले तो किसी प्रकार की बाधा हमें छु भी नहीं पाएगी। द्रौपदी के चिर हरण के दरम्यान कुछ ऐसा ही वृतांत देखने को मिला। उसके पांच पराक्रमी पति स्थिति के आगे नतमस्तक थे कोई सहारा नहीं था। तो द्रौपदी के मुंह से यही बोल निकले पकड़ लो बांह गिरधारी न तो हम डूब जाएंगे, तुम्हारा कुछ न बिगड़ेगा हमारी लाज जायेगी। भगवान कृष्ण ने भरी सभा में द्रौपदी की रक्षा कर इसे साबित किया है। इसलिये इंसान को ईश्वर के प्रति कभी अविश्वास नहीं करना चाहिए। वे भक्तवतशल है भक्त की उम्मीद को वे कभी टूटने नहीं देते। वही इस मौके पर बिहटा उप प्रमुख वरुण कुमार ने सभी आगत अतिथियों एवं कलाकारों को अंग वस्त्र से सम्मानित किया।

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