December 4, 2025

आरक्षण को लेकर डॉ.आंबेडकर के परिकल्पना की अनदेखी बर्दाश्त नहीं: जयनाथ चौहान

  • ऐतिहासिक होगी पटना में आयोजित अति-पिछड़ा हुंकार महारैली

पटना। आज पटना के अगमकुआं स्थित एनआईएचईआर सभागार में “अति-पिछड़ा आरक्षण बचाओ संघर्ष महामोर्चा” के राज्य परिषद् की बैठक महामोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष चंदेश्वर साह की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसका संचालन मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने किया। बैठक में विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा के उपरान्त सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए जाने माने शिक्षाविद डायूपी गुप्ता को महामोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष, जयनाथ चौहान को राष्ट्रीय प्रधान महासचिव, मोहम्मद मुश्ताक अहमद को राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, डा राजकुमार आजाद को कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कैलाश महतो को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया। बैठक में आगामी 09 अप्रैल, 2025 को पटना के मिलर स्कूल मैदान में “अति-पिछड़ा हुंकार महारैली” के आयोजन को लेकर भी फैसला लिया गया तथा इस महारैली के सफल एवं अभूतपूर्व आयोजन को लेकर महामोर्चा के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष डायूपी गुप्ता एवं राष्ट्रीय प्रधान महासचिव जयनाथ चौहान के संयुक्त नेतृत्व में एक तैयारी समिति के शीघ्र गठन का फैसला लिया गया साथ ही तैयारी समिति को सभी जिलों में जा कर बैठक करने तथा अति-पिछड़ा एवं बहुजन समाज के लोगों को अधिकाधिक संख्या में प्रस्तावित “अति-पिछड़ा हुंकार महारैली” में भाग लेने हेतु प्रेरित करने की जिम्मेवारी सौंपे जाने का भी निर्णय लिया गया। बैठक को संबोधित करते हुए महामोर्चा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव जयनाथ चौहान ने कहा कि वर्तमान समय में बहुसंख्यक समाज को आरक्षण देने के बाबा साहब डा० भीम राव आंबेडकर जी की परिकल्पना को एक साजिश के तहत समाप्त किया जा रहा है। निजीकरण की बढ़ती व्यवस्था के कारण अति-पिछड़ा, पिछड़ा, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन-जातियों की हकमारी हो रही है। लेटरल एंट्री के माध्यम से बिना परीक्षा एवं इंटरव्यू पास किए गए लोगों की सीधी बहाली भी बहुसंख्यक समाज के हकों पर कुठाराघात है। कॉलेजियम सिस्टम ने न्यायिक व्यवस्था में बहुसंख्यक समाज के प्रवेश को आजतक निषिद्ध रखा है। 50% आरक्षण की बाध्यता सीमा के परे जब आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण मिल सकता है तो राज्य में अति-पिछड़ों को 65 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करने हेतु केंद्र सरकार को इसे अविलम्ब संविधान की नौवीं अनुसूची में डालनी चाहिए। जब तक अति-पिछडा समाज के हाथों में देश और राज्य का कमान नहीं आएगा, हमारी हकमारी जारी रहेगी। इस मौके पर नीतू सिंह निषाद, प्रेम साह, महेंद्र सिंह चौहान, रामनन्दन सिंह, चंदेश्वर साह, मो मुश्ताक, मो शौकत, कैलाश महतो, राजकुमार आजाद, तरुण सिंह पिंटू, प्रो वजुल हक, डा० आलोक कुमार मालाकार, मो वसीम अकरम, पूर्णिया जिलाध्यक्ष आफताब आलम, सुनीता पासवान, प्रेम गुप्ता, संयोजक रामबाबू साह, पूर्व मुखिया सुनील राम, अखिलेश साह, रणजीत चौरसिया, कपिलदेव शर्मा, पूजा चौहान, ललन चंद्रवंशी, चंदेश्वर प्रसाद तथा पूर्व लोकसभा प्रत्याशी राम पुकार मांझी आदि उपस्थित रहे तथा प्रमुखता से अपने विचार रखे।

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