पटना में एंबुलेंस से एक लाख की शराब बरामद, तस्कर गिरफ्तार, पूछताछ जारी

पटना। बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद शराब की तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला राजधानी पटना का है, जहां मद्य निषेध विभाग की टीम ने एंबुलेंस का उपयोग कर हो रही शराब तस्करी का भंडाफोड़ किया है। मंगलवार देर रात भागवत नगर में हुई इस कार्रवाई में विभाग ने एक तस्कर को गिरफ्तार किया और एक लाख रुपये मूल्य की अवैध शराब बरामद की।
एंबुलेंस का इस्तेमाल कर हो रही थी तस्करी
मद्य निषेध विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि शराब की खेप को एक एंबुलेंस में छिपाकर तस्करी की जा रही है। सूचना के आधार पर सहायक आयुक्त प्रेम कुमार के नेतृत्व में टीम ने भागवत नगर में छापेमारी की। इस दौरान एक एंबुलेंस से बड़ी मात्रा में शराब बरामद की गई। एंबुलेंस में शराब की तस्करी कर इसे अन्य इलाकों में सप्लाई करने की योजना थी।
गिरफ्तार तस्कर से पूछताछ जारी
मद्य निषेध विभाग ने मौके से एक तस्कर को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान हिलसा निवासी जितेंद्र कुमार के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ में तस्कर ने बताया कि वह लंबे समय से इस धंधे में शामिल है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस रैकेट में और लोग भी जुड़े हुए हैं। इसके अलावा यह भी पता लगाया जा रहा है कि यह शराब कहां से लाई गई थी और कहां इसकी डिलीवरी होनी थी।
शराबबंदी के बावजूद तस्करी जारी
बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है, लेकिन इसके बावजूद शराब की अवैध तस्करी बदस्तूर जारी है। शराब माफिया लगातार नए-नए तरीके अपनाकर प्रशासन को चकमा देने की कोशिश कर रहे हैं। एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवा के इस्तेमाल से यह स्पष्ट होता है कि तस्कर कानून से बचने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
प्रशासन की कड़ी कार्रवाई
मद्य निषेध विभाग लगातार शराब तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए सक्रिय है। विभाग का कहना है कि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सघन जांच अभियान चलाया जाएगा। विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि यदि उन्हें कहीं भी शराब तस्करी की सूचना मिलती है तो वे तुरंत प्रशासन को इसकी जानकारी दें। पटना में एंबुलेंस से शराब तस्करी का मामला सामने आने के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। पुलिस अन्य संभावित तस्करों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। इस घटना ने बिहार में शराबबंदी कानून की प्रभावशीलता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, प्रशासन की तत्परता और तस्करी के नए-नए तरीकों को पकड़ने की क्षमता से यह साफ है कि शराब माफियाओं को पूरी तरह खत्म करने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
