पिट गया पीके का आंदोलन, कानून का उल्लंघन करनेवालों का हश्र अच्छा नहीं होता: प्रभाकर मिश्र

  • बिना मतलब बाराती का फूफा बने बैठे हैं पीके, स्वार्थ की राजनीति करनेवालों को कभी स्वीकार नहीं करेगी बिहार की जनता

पटना। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर कुमार मिश्र ने प्रशांत किशोर पर जमकर प्रहार करते हुए कहा कि बिहार में पीके का आंदोलन और उनकी राजनीति पूरी तरह पिट चुकी है। प्रशांत किशोर छात्रों को गुमराह कर अपनी राजनीति चमकाना चाहते थे, लेकिन यह बिहार है। बिहार के लोग असली और नकली को परखना अच्छी तरह जानते हैं। यहां के लोग उड़ती चिड़िया को भी हल्दी लगाना जानते हैं। भाजपा प्रवक्ता ने सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि दो नाव पर सवार होने से क्या होता है, प्रशांत किशोर अब अच्छी तरह समझ गये होंगे। इसी को कहा जाता है, ‘न ख़ुदा ही मिला और न विसाल-ए-सनम।’ प्रशांत किशोर न तो पूरी तरह नेता बन पाये और न ही अब चुनावी रणनीतिकार रहे। कहां तो उनका अच्छा कारोबार चल रहा था, लेकिन नेता बनने का उनपर भूत सवार हो गया और जो हश्र हुआ, वह सबके सामने है। प्रशांत किशोर को अहले- सुबह गिरफ्तार कर लिया गया और उनका आंदोलन फुस्स हो गया।बिहार में कानून का राज है, चाहे कोई भी हो, जो भी कानून को हाथ में लेगा उसे अदालत के कटघरे में खड़ा होना पड़ेगा। प्रशांत किशोर ने भी कानून का उल्लंघन किया। उनपर प्रतिबंधित क्षेत्र में गैर-कानूनी ढंग से धरना-प्रदर्शन करने का आरोप है। हालांकि शर्तों के साथ 25 हजार मुचलके पर कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। लेकिन, अब जेल में अनशन करने का पैतरा कर रहे हैं। इसे पीके की नासमझी ही कही जायेगी, जब बीपीएससी पीटी की पुनर्परीक्षा हो चुकी, बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल हुए और अभ्यर्थियों में किसी तरह का रोश नहीं है, तब पीके बिना मतलब बाराती में फूफा बने हुए हैं। असल में पीके की मंशा नाखून कटवा कर शहीद का दर्जा पाने की है। लेकिन, ऐसा कभी नहीं होगा।

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