पटना में 15 तक शीतलहर का अलर्ट, बर्फीली हवाओं ने बढ़ाई ठंड, हार्टअटैक का खतरा बढ़ा
पटना। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी ने बिहार में ठंड बढ़ा दी है। मौसम विभाग की माने तो 15 जनवरी तक राज्य में शीतलहर चलेगी। तब तक कड़ाके की ठंड रहने वाली है। इसके बाद जब न्यूनतम तापमान बढ़ेगा तो कनकनी भी घटने की उम्मीद है। इधर, पटना डीएम ने बढ़ती ठंड को लेकर सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक स्कूल चलाने के निर्देश दिए हैं। बिहार में छठ पूजा के दौरान ही ठंड महसूस होने लगती है। हालांकि इस साल ठंड देर से आई है। इसका सबसे बड़ा असर गेहूं और दलहन की फसल पर पड़ा है। ठंड देर से आने की वजह बताते हुए मौसम विज्ञान केंद्र के मेट्रोलॉजिस्ट कहते हैं कि ‘दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के बीच ज्यादा गैप की स्थिति रही। दिसंबर के फर्स्ट वीक और 26 दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव पड़ा। दूसरा बड़ा कारण यह रहा कि बिहार में ज्यादा समय तक पुरवा हवा का प्रभाव रहा। ये हवा बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर आई, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज नहीं की गई।’ बिहार में वेस्टर्न डिस्टरबेंस मजबूत है। इसकी वजह से कनकनी वाली ठंड महसूस की जा रही है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस से पछुआ हवा चलती है, जो पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी होते हुए बिहार-बंगाल तक बारिश लाती है। इस कारण खूब झमाझम बारिश की बजाय शीतकालीन बारिश होती है। इस साल बिहार में शीतकालीन बारिश अक्टूबर से जनवरी तक कम हुई है। इसका असर खेतों में लगी गेहूं, सरसों, दलहन की फसल पर पड़ रहा है। अक्टूबर से 31 दिसंबर की स्थिति यह रही कि बारिश सामान्य से 71 फीसदी कम हुई है। भूमध्य सागर से नमी युक्त हवा इराक-ईरान होते हुए अफगानिस्तान होकर पाकिस्तान तक आती है। पाकिस्तान के बाद हिमालय की ऊंचाई आड़े आ जाती है, जिससे साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवातीय संचरण) बनता है। जिसका प्रभाव पंजाब, राजस्थान, हरियाणा पर पड़ता है।’ये घड़ी की विपरीत दिशा में घूमता है और ऊपर की तरफ उठता है। यही हवा पर्वतीय क्षेत्र में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश देती है। अभी की स्थिति यह है कि उत्तर-पश्चिमी सर्द हवा बिहार में आ रही है। इससे न्यूनतम तापमान गिर रहा है। न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम हुई तो कोल्ड वेब की स्थिति हो सकती है। हालांकि, इसकी आशंका अभी नहीं है। ‘अभी पटना का तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा है। फॉग ऊपर की तरफ जा रहा है। एक-दो हजार फीट पर जाकर जमा हो जा रहा है, जो सूर्य की रोशनी को रोक रहा है। इसलिए अधिकतम तापमान बढ़ नहीं पा रहा है। तापमान कम रहने से दिन के समय भी कनकनी महसूस होती है। वहीं, कोहरा ऊपर की तरफ स्थिर है। ऐसी स्थिति आगे 48 घंटे तक रहने की संभावना है। तीन-चार दिनों के बाद ठंड घटने की उम्मीद है। हवा के रुख में बदलाव के कारण अगले दो से चार दिनों के बाद न्यूनतम तापमान में कुछ बढ़ोतरी की उम्मीद है। ठंड में ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक की शिकायत बढ़ जाती है। इसलिए ठंड से बच कर रहें। जरूरी हो तभी घर से निकलें। ठीक से गर्म कपड़े पहनकर घर से बाहर निकलें। नहाने में भी सावधानी बरतें। बाथरुम से निकलने समय कोई शॉल आदि ओढ़कर निकलें। ठंड लगने पर शुरुआती लक्षण सिर में दर्द, उल्टी होना है। इसलिए खान-पान में भी सावधानी बरतें। खास तौर से रात के समय हल्का खाना खाएं और हल्का गर्म पानी पीएं।


