दिल्ली में जेपी नड्डा से मिलेंगे नीतीश, चुनावी रणनीति पर करेंगे चर्चा
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर हैं। सोमवार शाम 4:30 बजे वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एनडीए की चुनावी रणनीति पर चर्चा होगी।
निजी कारण से दिल्ली पहुंचे सीएम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 29 दिसंबर को निजी कारणों से पटना से दिल्ली रवाना हुए थे। सोमवार को उनका नियमित स्वास्थ्य परीक्षण हुआ, जिसके बाद वह दिल्ली स्थित अपने सरकारी आवास पहुंचे। उनके दिल्ली दौरे और भाजपा अध्यक्ष से संभावित मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में कई कयासों को जन्म दिया है।
राजनीतिक रणनीति पर चर्चा की संभावना
नीतीश कुमार और जेपी नड्डा के बीच होने वाली इस बैठक को आगामी लोकसभा चुनाव के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुलाकात एनडीए के अंदरूनी समीकरण और बिहार में भाजपा-जेडीयू गठबंधन को लेकर अहम निर्णय का संकेत दे सकती है।
पटना में जारी प्रदर्शन और सवाल
इस बीच, बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अभ्यर्थियों का पटना में विरोध प्रदर्शन जारी है। छात्रों की मांगों और सरकार के रवैये को लेकर सवाल उठ रहे हैं। मुख्यमंत्री का इस समय दिल्ली जाना राजनीतिक चर्चाओं का विषय बन गया है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम आगामी चुनाव से जुड़े किसी बड़े फैसले का हिस्सा हो सकता है।
नए समीकरणों की ओर इशारा
नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे को बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ माना जा रहा है। ऐसी अटकलें हैं कि उनकी मुलाकात के बाद राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी वापसी के बाद बिहार की राजनीति में क्या बड़े फैसले लिए जाते हैं।
नीतीश कुमार की छवि और निर्णय लेने की शैली
नीतीश कुमार अपने राजनीतिक करियर में साहसी और अप्रत्याशित फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं। चाहे भाजपा के साथ गठबंधन करना हो या फिर महागठबंधन बनाना, उनके कदम हमेशा चर्चा में रहते हैं। दिल्ली दौरे से जुड़ी इस मुलाकात ने राजनीतिक माहौल को गरम कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच होने वाली यह बैठक बिहार और राष्ट्रीय राजनीति के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस मुलाकात के बाद क्या नए फैसले होंगे और बिहार की राजनीति में क्या बदलाव आएंगे, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन फिलहाल, यह दौरा आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति के लिहाज से अहम संकेत देता है।


