December 4, 2025

विशेष भूमि सर्वेक्षण के नियमों में बदलाव: 13 प्रकार की छूट मिलेगी, राजस्व मंत्री ने की घोषणा

  • दिलीप जायसवाल बोले, लोगों की हर परेशानी का निदान होगा, जल्द कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव

पटना। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने भूमि सर्वेक्षण के नियमों में बड़े बदलाव की घोषणा की। मंत्री ने कहा कि सरकार बिहार के लोगों को भूमि सर्वेक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने देगी। इसके लिए कुल 13 प्रकार की छूट देने का फैसला किया गया है। इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा।
सर्वेक्षण में बदलाव का ऐलान
भूमि सर्वेक्षण को लेकर विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाए कि सर्वे प्रक्रिया में लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसका जवाब देते हुए मंत्री ने कहा, “हम भूमि सर्वेक्षण के नियमों में बदलाव कर रहे हैं ताकि लोगों को राहत दी जा सके। मंत्री ने यह भी बताया कि लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है। सर्वेक्षण में लापरवाही बरतने के कारण 139 अंचल अधिकारियों (सीओ) का वेतन रोक दिया गया है। इसके अतिरिक्त, सरकार जमीन विवादों को निपटाने के लिए विशेष प्रयास कर रही है।
विपक्ष ने उठाए सवाल, मंत्री ने दिया जवाब
विपक्ष ने सर्वेक्षण प्रक्रिया में हो रही देरी और जमीन विवादों के बढ़ते मामलों पर सवाल उठाए। दिलीप जायसवाल ने इन सवालों का जवाब देते हुए कहा कि देरी के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि उनके मंत्री बनने में हुई देरी भी एक वजह रही। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब इन समस्याओं को प्राथमिकता के साथ हल किया जाएगा।
कैबिनेट में जल्द आएगा प्रस्ताव
मंत्री ने कहा कि सर्वेक्षण प्रक्रिया में सुधार और छूट के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि “सरकार लोगों की हर समस्या का समाधान करेगी और भूमि सर्वेक्षण को सरल और प्रभावी बनाएगी। चौथे दिन 2024-25 के सेकेंड सप्लीमेंट्री बजट पर चर्चा की गई। इसमें सब्सिडी की मांग और कटौती प्रस्तावों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। सरकार ने 2016 से 2022 तक की सीएजी (कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) की रिपोर्ट सदन में पेश की।
स्मार्ट मीटर के खिलाफ प्रदर्शन
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले, विपक्ष ने स्मार्ट मीटर को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष का आरोप है कि स्मार्ट मीटर के कारण गरीब परिवारों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों का बिजली बिल पहले 2,000 रुपये तक आता था, जो अब 20,000 रुपये तक पहुंच गया है। विपक्ष ने इसे “जनविरोधी कदम” बताया।
सर्वेक्षण में छूट के प्रकार
हालांकि, मंत्री ने छूट की पूरी सूची साझा नहीं की, लेकिन कहा कि इन 13 छूटों में सर्वे प्रक्रिया को आसान बनाने, दस्तावेजी त्रुटियों को सुधारने, विवाद निपटाने और सर्वे से जुड़े शुल्कों में रियायत शामिल हो सकती है। दिलीप जायसवाल ने कहा कि भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया में लोगों की सुविधा के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सर्वेक्षण में पारदर्शिता लाने और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। विपक्ष ने मांग की कि सर्वेक्षण प्रक्रिया में जनता की भागीदारी बढ़ाई जाए और इसे पूरी तरह डिजिटल किया जाए ताकि भ्रष्टाचार को रोका जा सके। बिहार में भूमि सर्वेक्षण को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। मंत्री की घोषणा और 13 प्रकार की छूट का प्रस्ताव इस बात का संकेत है कि सरकार जनता की समस्याओं को हल करने के लिए गंभीर है। हालांकि, विपक्ष के सवाल और स्मार्ट मीटर जैसे मुद्दों पर जनता की नाराजगी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इन घोषणाओं को कितनी जल्दी और प्रभावी तरीके से लागू कर पाती है।

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