पटना में डेंगू ने तोड़े रिकॉर्ड: 1 दिन में 108 मरीज मिले, अब तक 14 की मौत

पटना। बिहार की राजधानी पटना में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है और अब यह स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। रविवार को राज्य भर में 198 नए डेंगू के मामले सामने आए, जिनमें से 108 मामले अकेले पटना के हैं। डेंगू से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है और राज्य भर में अब तक 5,647 लोग इस बीमारी से ग्रस्त हो चुके हैं। पटना में डेंगू पीड़ितों की संख्या 2,792 तक पहुंच चुकी है। इस गंभीर स्थिति के बीच राज्य में अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से 8 मौतें पटना में हुई हैं।
पटना में डेंगू के नए हॉटस्पॉट
पटना के विभिन्न इलाकों में डेंगू के नए मामलों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। कंकड़बाग, बांकीपुर, नूतन राजधानी, पटना सिटी, पाटलिपुत्र और अजीमाबाद जैसे क्षेत्रों में डेंगू के कई नए मरीज सामने आए हैं। रविवार को कंकड़बाग में 10, बांकीपुर में 12, नूतन राजधानी में 13, पटना सिटी में 5, पाटलिपुत्र में 27, और अजीमाबाद में 5 मरीजों की पुष्टि हुई। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में भी डेंगू का असर देखा जा रहा है। संपतचक, दनियावां, फतुहा, अथमलगोला, बख्तियारपुर, बाढ़, बिहटा, दानापुर, खुसरूपुर, मसौढ़ी, पालीगंज, पटना सदर और फुलवारीशरीफ जैसे इलाकों में भी नए मामले सामने आए हैं।
राज्य के अन्य जिलों में भी स्थिति गंभीर
पटना के अलावा बिहार के कई अन्य जिलों में भी डेंगू का कहर जारी है। नालंदा, सुपौल, वैशाली, मधुबनी, जहानाबाद, जमुई, गया और भागलपुर जैसे जिलों में डेंगू के कारण एक-एक मरीज की मौत हो चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अभी मच्छरों से बचाव के लिए सतर्कता बरतने की जरूरत है, क्योंकि हालात कुछ दिनों तक और खराब हो सकते हैं।
विशेषज्ञों की सलाह: सतर्कता और बचाव आवश्यक
डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उनका कहना है कि डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों से खुद को बचाना बेहद जरूरी है। अगर किसी व्यक्ति में डेंगू के लक्षण जैसे बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द या त्वचा पर लाल चकत्ते दिखाई दें, तो तुरंत जांच करानी चाहिए। डेंगू के मरीज के शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए और डॉक्टरों की सलाह पर ही उचित उपचार करवाना चाहिए।
मच्छर जनित रोगों का बढ़ता खतरा
डेंगू एक मच्छर जनित रोग है जो मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। राज्य में बढ़ती गर्मी और नमी के कारण मच्छरों की संख्या में इजाफा हो रहा है, जो डेंगू फैलने के मुख्य कारणों में से एक है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से मच्छरों के प्रजनन स्थलों को समाप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन लोगों को भी अपने आसपास के क्षेत्रों को साफ-सुथरा रखने और मच्छरदानी या अन्य मच्छर-रोधी उपायों का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।
सरकारी अस्पतालों में डेंगू उपचार की तैयारी
डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था की गई है। पटना मेडिकल कॉलेज और अन्य बड़े अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाए गए हैं। राज्य सरकार ने सभी जिलों में डेंगू के मामलों पर नजर रखने और मरीजों को तुरंत चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू के रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। पटना समेत पूरे बिहार में डेंगू के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है और इसने अब खतरनाक स्थिति ले ली है। राज्य में 14 लोगों की मौत और हजारों लोग संक्रमित होने से स्थिति गंभीर हो गई है। स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञों द्वारा दी जा रही सलाह का पालन करना बेहद जरूरी है। मच्छरों से बचाव, स्वच्छता और समय पर उपचार ही डेंगू से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है। आने वाले दिनों में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार और जनता दोनों को मिलकर प्रयास करना होगा।
