बिहार में डेंगू का कहर शुरू; 24 घंटे में 26 मरीज मिले, पटना में सर्वाधिक 19 केस दर्ज

पटना। बिहार में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, और राजधानी पटना इसका केंद्र बनता जा रहा है। मंगलवार को राज्य में 26 नए डेंगू के मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 19 मामले अकेले पटना में सामने आए हैं। इस साल जनवरी से अब तक बिहार में कुल 585 डेंगू के मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 245 मरीज पटना के हैं। डेंगू के इस बढ़ते प्रकोप ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को अलर्ट कर दिया है, और इससे निपटने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। बिहार सरकार ने डेंगू से निपटने के लिए व्यापक तैयारियाँ की हैं। स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर ने बताया कि सभी जिलों के अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू की जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही, डेंगू नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है, जिसका संपर्क नंबर 0612-2249964 है। यह नियंत्रण कक्ष आम लोगों के लिए सहायता प्रदान करेगा, ताकि वे डेंगू से जुड़ी जानकारी और सलाह प्राप्त कर सकें। डेंगू के प्रकोप को देखते हुए, राज्य के विभिन्न अस्पतालों में बेड आरक्षित किए गए हैं। पटना सदर अस्पताल में 10 बेड, अनुमंडल अस्पतालों में 5-5 बेड, और सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 2-2 बेड सुरक्षित रखे गए हैं। आवश्यकता पड़ने पर इन अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। राज्य के विभिन्न अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू की जांच और इलाज की सुविधा को बढ़ाया गया है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रैपिड टेस्ट किट से डेंगू की स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके अलावा, पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस, एम्स, आरआईआरआईएम, और न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल में एलिसा आधारित एनएस1 और आईजीएम किट से डेंगू की निशुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यह कदम इसलिए उठाए गए हैं ताकि डेंगू के मामलों की सही पहचान हो सके और उन्हें उचित उपचार मिल सके। डेंगू बीमारी एडिज नामक मच्छर के काटने से होती है, जो दिन के समय सक्रिय रहता है। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है, इसलिए घरों और आस-पास के इलाकों में सफाई का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। हालांकि, हर बुखार डेंगू नहीं होता, इसलिए डेंगू के लक्षणों के संदिग्ध मामलों में तुरंत जांच करवानी चाहिए। डेंगू के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को जागरूक किया है कि वे किसी भी प्रकार की बुखार की स्थिति में तुरंत जांच करवाएं और डेंगू के लक्षणों की अनदेखी न करें। इसके अलावा, मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए पानी की टंकियों, कूलरों, और अन्य स्थिर पानी के स्रोतों की नियमित सफाई करें। बिहार में डेंगू का बढ़ता प्रकोप चिंता का विषय है, विशेषकर पटना जैसे शहर में जहाँ मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने इसके नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, लेकिन आम जनता की भी जिम्मेदारी है कि वे सतर्क रहें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। डेंगू से बचाव के लिए व्यक्तिगत सतर्कता और सरकारी निर्देशों का पालन आवश्यक है, ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके।
