December 11, 2025

पटना में पासवान समुदाय ने किया विधानसभा मार्च, कई मांगों को लेकर आंदोलन, पुलिस के साथ हुई धक्का-मुक्की

पटना। मंगलवार को पासवान समुदाय के लोगों ने सरकार के खिलाफ विधानसभा मार्च का आयोजन किया। अपनी 12 सूत्री मांग को लेकर उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस के साथ कई लोगों की धक्का मुक्की भी कोई और खूब बवाल भी हुआ। करीब 800 से अधिक अंदोलनकारी मार्च में शामिल हैं। मार्च का नेतृत्व अमर आजाद कर रहे हैं। नीले झंडे, डंडे और बाबा साहब की प्रतिमा लेकर आंदोलनकारी सड़क पर उतरे हैं। इधर, जेपी गोलंबर पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की और झड़पें भी हुईं, जिससे हालात काफी तनावपूर्ण हो गए। विधानसभा मार्च में प्रदर्शनकारी को पुलिस और प्रशासन द्वारा जेपी गोलंबर के पास रोक दिया गया है। सीडीपीओ लॉ एंड ऑर्डर कृष्ण मुरारी प्रसाद ने बताया है कि इनको कोई परमिशन नहीं दी गई है। इस वजह से यहां से आगे नहीं जाने दिया जाएगा। वहीं, मौके पर एसडीएम भी मौजूद है। पटना के कारगिल चौक पर भारी संख्या में दुसाध जाति के लोग और चौकीदार, दफादरा जमा हुए हैं। सभी ने 12 सूत्री मांगों को लेकर पूर्व से ही विधानसभा मार्च का ऐलान किया था। सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जुटाने के लिए लगभग 1 सप्ताह से प्रचार प्रसार कर रहे थे। पासवान समुदाय ने अपनी 12 सूत्री मांगों के समर्थन में यह मार्च निकाला। उनकी मांगों में प्रमुख रूप से आरक्षण में वृद्धि, रोजगार के अवसरों में सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, और सामाजिक सुरक्षा के मुद्दे शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से इन मांगों को तुरंत पूरा करने की मांग की। उनका कहना था कि इन मुद्दों पर सरकार की उदासीनता ने उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर किया है। मार्च के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई बार धक्का-मुक्की हुई। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बल का प्रयोग किया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी इस दौरान घायल हो गए। भीड़ ने कई जगहों पर बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की, जिससे पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।  इस मार्च में करीब 800 से अधिक प्रदर्शनकारी शामिल थे। वे नारेबाजी करते हुए और बैनर-पोस्टर लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है और उनके साथ अन्याय कर रही है। उनका कहना था कि सरकार अगर उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे। विधानसभा मार्च के दौरान हुई झड़पों और हिंसा पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। पुलिस ने बताया कि आंदोलनकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस का कहना है कि उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उचित बल का प्रयोग किया और मार्च को शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त करने की कोशिश की।

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