October 29, 2025

हाईकोर्ट का केजरीवाल को जमानत देने से इनकार, अभी जेल में ही बंद रहेंगे दिल्ली के मुख्यमंत्री

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने से दिल्ली हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। कोर्ट ने राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को यह कहकर रद्द कर दिया कि दलीलों पर सही ढंग से बहस नहीं हुई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की टिप्पणी पर विचार नहीं किया जा सकता और यह पूरी तरह से अनुचित है। कोर्ट ने बताया कि ट्रायल कोर्ट ने सामग्री पर अपना दिमाग नहीं लगाया था और ईडी को जमानत आवेदन पर बहस करने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया। 20 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दी थी, लेकिन ईडी की याचिका पर हाईकोर्ट ने 21 जून को उस पर रोक लगा दी थी। अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में कल होगी। ईडी के वकील ने कोर्ट में कहा कि ट्रायल कोर्ट की वेकेशन बेंच ने जरूरी दस्तावेजों पर ध्यान नहीं दिया, जिसमें सबूत थे कि केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूरी तरह शामिल हैं। ईडी के मुताबिक, दिल्ली शराब घोटाले से जो काला धन जमा हुआ था, उसमें आम आदमी पार्टी की बड़ी हिस्सेदारी थी। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केजरीवाल की भूमिका को नजरअंदाज करके वेकेशन बेंच ने भूल की है। दूसरी तरफ, केजरीवाल ने 23 जून को हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनकी याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने अभी फैसला नहीं सुनाया है, इसलिए उसके पहले कोई आदेश देना सही नहीं होगा। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि हाईकोर्ट की तरफ से फैसला सुरक्षित रखना असमान्य बात है और आमतौर पर स्टे की याचिका में फैसला उसी समय सुनाया जाता है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 26 जून तक के लिए सुनवाई टाल दी। ईडी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं और दिल्ली शराब घोटाले से जमा हुए काले धन का एक हिस्सा आम आदमी पार्टी को मिला है। इन आरोपों के चलते केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया। ईडी ने दावा किया कि ट्रायल कोर्ट ने आवश्यक दस्तावेजों पर ध्यान नहीं दिया और उनके सबूतों को नजरअंदाज किया। केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें फर्जी आरोपों में फंसाया गया है और उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि ईडी ने उनके खिलाफ सबूतों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है और उन्हें जानबूझकर फंसाने की कोशिश की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के परिणामस्वरूप, हाईकोर्ट से जल्द ही फैसला आने की उम्मीद है। इस बीच, केजरीवाल को जेल में ही रहना होगा। कोर्ट के इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है और इसे लेकर विभिन्न दलों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए सभी पक्षों को सुनने और सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद ही निर्णय लिया जाना चाहिए। अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां से इस मामले में आगे की दिशा तय होगी।

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