जल-जीवन-हरियाली यात्रा का छठा चरण: खगड़िया में बोले CM नीतीश- हमारा लक्ष्य बिहार का हरित आवरण 17% करने का
खगड़िया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट जल-जीवन-हरियाली अभियान को सफल बनाने के लिए लगातार बिहार के विभिन्न जिलों की यात्रा पर हैं। यात्रा के छठे चरण के अंतर्गत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को खगड़िया के बेलदौर के तेलहारी गांव पहुंचे। यहां जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्य सरकार की उपलब्धियों को बारिकी से गिनाया। मुख्यमंत्री ने 26 जनवरी को दिल्ली राजपथ पर बिहार की झांकी के शामिल नहीं होने पर कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार की झांकी को रिजेक्ट कर दिया है।
नीतीश ने कहा कि वर्ल्ड बैंक से कर्ज लेकर जीविका समूह का गठन किया गया। जीविका समूह से नौ लाख महिलाएं जुड़ चुकी हैं। जीविका योजना से समाज में जागृति आयी है। पंचायती राज में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया गया। इसका फायदा हुआ कि हाईस्कूल में लड़कों के बराबर लड़कियों की संख्या हो गयी है। उन्होंने कहा कि सूबे में बिजली की स्थिति पहले ठीक नहीं थी। अब बिजली की स्थिति सुधर गयी है। बिजली में सुधार के लिए सात निश्चय में बिजली की समस्या को शामिल किया। अब जर्जर तार बदल चुके हैं। अब बिजली से किसान सिंचाई करेंगे। डीजल से पटवन महंगा था, अब बिजली से सिंचाई सस्ता होगा। हर घर में नल का जल योजना लागू किया। हर घर में शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। पीने के स्वच्छ पानी पर सरकार का जोर है। विधानसभा चुनाव से पहले हर घर नल का जल पहुंचा दिया जायेगा। छात्रों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का तोहफा दिया गया। खुले में शौच जाने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि शौचालय बनने के बाद खुले में शौच नहीं जाएं। जल-जीवन-हरियाली को लेकर उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा में कमी आयी है। पहले औसत वर्षापात 1200 मिमी होता था। अब औसत वर्षा काफी कम होती है। बाढ़ और सूखे से काफी नुकसान हुआ है। भू-जल स्तर नीचे गिरता जा रहा है। भू-जल स्तर को कायम रखना जरूरी है। आसपास जल का संचयन करेंगे। साल 2012 में हरियाली मिशन की शुरूआत की थी। हम पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना चाहते हैं। बिहार में पीने के पानी की संकट नहीं हो, इस पर काम हो रहा है। जलवायु परिवर्तन पर दोनों सदनों में चर्चा हुई है। जल और हरियाली के बीच ही जीवन संभव है। पानी की बर्बादी पर उन्होंने कहा कि नल के जल की बबार्दी ठीक नहीं है। जल संचयन को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। आपदा में हमने लोगों की मदद की। आपदा पीड़ितों की लगातार मदद करते रहेंगे। हमारा लक्ष्य नये जल स्रोत को बनाना है।
नीतीश ने आगे कहा कि बिहार का हरित आवरण पहले नौ फीसदी था। अब बिहार में हरित आवरण 15 फीसदी हो चुका है। अब तक कुल 19 करोड़ पौधे लगाये गये हैं। हमारा लक्ष्य बिहार का हरित आवरण 17 फीसदी करने का है। अगले तीन साल में आठ करोड़ और पौधे लगाये जायेंगे। सौर ऊर्जा पर सरकार का जोर है। सौर ऊर्जा ही अक्षय ऊर्जा है। जब तक सूर्य की ऊर्जा है, पृथ्वी की रक्षा है। सरकारी भवनों पर सोलर प्लेट लगाये जायेंगे। जल संचयन के लिए सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर काम हो रहा है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के लिए तीन साल में 24,524 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। अभियान में और खर्च होंगे, तो और पैसा लगाए जायेंगे। जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर अपने-अपने इलाकों में लोगों जागरूक करें। भावी पीढ़ी का जीवन सुरक्षित होना चाहिए। बाल-विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चलाया। 21 जनवरी, 2017 को मानव शृंखला ने रिकार्ड बनाया। 19 जनवरी को जल-जीवन-हरियाली के पक्ष में फिर मानव शृंखला बनायी जायेगी। इस बार 16298 किमी लंबी मानव शृंखला बनेगी।


